चित्रकूट जिला मा जननी सुरक्षा के तहत सरकारी अस्पताल मा डिलेवरी के समय महतारी या बच्चा के मउत होइ जात हवै। डाक्टर या मा बात का छुपावैं खातिर कहि देत हवैं कि खून के कमी रहै। या वहिका पहिले से कउनौ बीमारी होइ।
मऊ ब्लाक, कोटरा खाम्भा गांव, मजरा भलूहा। हिंया के पच्चीस बरस के नेहा के मनसवा दिनेश पाण्डेय का कहब हवै कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मऊ मा 11 फरवरी 2014 का नेहा का भर्ती कीने रहौं। वहिके शाम के बिटिया पैदा भे। थोइ देर के बाद वहिके खून ज्यादा जाये लाग तौ डाक्टर का बोलायेंव तौ डाक्टर ध्यान नहीं दिहिस। या कारन खून बहत रहै। अउर नेहा का खून के कमी होत गे। सुबेरे बहुतै ज्यादा डाक्टर से बिनती करेंव तौ कहिस कि वहिके खून के जरूरत हवै। जउन कि हिंया खून के व्यवस्था नहीं आय। यहिके खातिर कर्वी जायें का परी। एम्बुलेंस बोला के कर्वी खातिर रिफर कइ दीन गा। हमार मरीज तड़पत रहै, पै डाक्टर कउनौ इलाज नहीं करिन। रैन्टेक डिक्लोफनक नाम का इंजेक्शन बाजार से मंगवाइन तौ वा नहीं मिला अस्पताल मा बहुतै कम सुविधा दीन गे रहै। अगर रात के डाक्टर ध्यान दइ देत तौ नंहा के मउत न होत। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बच्चा पैदा करावैं खातिर आशा बहू मंजुसा पीछे परी रहै, पै जबै समस्या बढ़गे तौ वा भी मुंह मोड़ लिहिस।
या मामला मा मऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक आर.के. खरे का कहब हवै कि नेहा के अचानक खून जाये लाग अउर उल्टी आवैं लाग। या कारन से वहिके खून के कमी होइगे। हिंया ब्लड बैंक के व्यवस्था नहीं हवै। यहै से कर्वी रिफर कइ दीन गा, पै नेहा के किस्मत खराब रहै। वहिके मउत रास्ते मा होइगे। परिवार वाले वहिका ध्यान नहीं दिहिन आय। या कारन से वहिके जउन बोतल लाग रहै वा निकर गे। यहिसे अउर खून जाये लाग। हमरे केन्द्र मा पिछले एक बरस मा या पहिला केस भा हवै। नेहा का मिलै वाली सुविधा वहिके परिवार वालेन का दीन जई। काहे से कि वहिका बच्चा अस्पताल मा भा हवै। सोनेपुर अस्पताल के कार्यालय सहायक रवि का कहब हवै कि नेहा के लाश का पोस्ट मार्टम होइगा हवै। वहिके रिपोर्ट थाना मा हवै। अगर परिवार वाले मुकदमा लगावैं चाहत हवैं तौ लगा सकत हवै।
सेहतमंद माँ और बच्चा – का होइ योजना का
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