जिला बाँदा, ब्लाक नरैनी, ग्राम पंचायत चन्द्रपुरा, मजरा महोरछा। हेंया लगभग सात साल होइगें उपकेन्द्र बना रहै तबै से आज तक वा केन्द्र मा ताला लटकत है। कतौ खुलैं का नाम नहीं लेत आय।
गांव के आरती बतावत है“-मोर दुई बच्चा होइगें। मैं नरैनी दूनौ दरकी गई हौं। गांव से नरैनी लगभग बीस किलोमीटर दूरी मा परत है। इनतान का बीहड इलाका मा साधन तक नहीं चलत आय। अगर रात बिरात कउनौ काम पर जात है तौ गांव से माखनपुर रोड तक पैदल या फेर साइकिल से जाय का परत है। ए.एन.एम. कतौ दुई कतौ तीन महीना मा एक दरकी गांव मा टीका लगावैं आवत है। अगर कउनौ का बीच मा जरूरत है तौ टीका लगवावैं भी नरैनी जात हन। गीता कहत है कि दुई महीना पहिले मोर बच्चा भा रहै तौ माखनपुर तक साइकिल से लिवा गें रहै। रानी अउर मुनिया कहत है कि यतनी दूर का गांव मड़ई अपने से निजी साधन कइके जात है तौ एक हजार से लइके पन्द्रह सौ रूपिया लागत हैं, परेशानी ऊपर से होत है।
विजय कुमार मिश्र कहत है कि दुई महीना पहिले गांव मा सांसद आर.के. पटेल आये रहैं। उनसे उपकेन्द्र खातिर कहा है कि गांव मा बना उपकेन्द्र खुलै लागैं जेहिसे रात बिरात का सुविधा होई जाय।
नरैनी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के रामकिशोर बाबू बताइन कि महोरछा उपकेन्द्र मा कउनौ ए.एन.एम. निहाय। नरैनी ब्लाक मा पांच डिलेवरी सेन्टर हैं। पांच अउर नये खुलै का हैं उनका सामान भी आ चुका है। डिलेवरी सेन्टर मा दुई ए.एन.एम. रहत हैं।
सेहतमंद माँ और बच्चा: उपकेन्द्र मा लटकत ताला
पिछला लेख