अश्विनी की मां सेक्स वर्कर थीं और जब अश्विनी केवल 8 साल का थी तब उनकी मां ने उन्हें खुद से दूर एनजीओ में भेज दिया। तमाम उतार चढ़ाव झेलने के बाद आज अश्विनी 19 साल की उम्र में अमरीका के ‘न्यू यॉर्क विश्व विद्यालय’ में सीट हासिल करके कामयाब हो पाई है।
अपनी बात लिखने के लिए अश्विनी ने ‘हुमंस ऑफ़ बॉम्बे’ (बंबई के आम लोग) नाम के एक फेसबुक पेज पर अपनी बात बतलाई, ‘मैं जिंदगी भर भागती रही। जब मैं 5 साल की थी, तब मैं अपनी मां जो एक सेक्स वर्कर थी, उनसे डरकर भाग गई क्योंकि वो लिपस्टिक जैसी छोटी सी चीज़ गुम जाने पर मुझे बुरी तरह पीट देती थी।’
अश्विनी आगे लिखती हैं ‘8 साल की उम्र में मुझे एक एनजीओ में भेज दिया गया जहां मैंने कई साल अपने शिक्षकों की पिटाई को बर्दाश्त किया।’ फेसबुक के अनुसार, अश्विनी इस एनजीओ से भागकर क्रांति नाम की एक संस्था से जुड़ीं जहां उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई।
उन्होंने आगे लिखा है ‘मैं पूरा भारत घूमी, पश्चिम बंगाल में मैंने थिएटर सीखा, हिमाचल में कैमरा से फोटो लेना, गुजरात के एनजीओ में स्वेच्छा से काम किया और दिल्ली में दलित समुदायों के साथ काम किया। मेरे अनुभवों ने मुझे विश्वास दिलाया की मैं और भी कुछ कर सकती हूं।’
इस फेसबुक पोस्ट को अभी तक करीब पंद्रह सौ बार शेयर किया जा चुका है। साथ ही अश्विनी की आर्थिक मदद के लिए भी लोग आगे आ रहे हैं।