जिला बांदा, ब्लाक कमासिन। सूखे की वजह से पूरे इलाके की फसल बर्बाद हो गई है। बची-कुची फसल काटने के लिए खुद खेतों के मालिक लगे हुए हैं।
पिछले कुछ समय से सूखे की मार झेलते मुसीवन और बांदा के किसान, खेतों पर काम करने वालों को मेहनताना नहीं दे पा रहे जिसके कारण उन्हें खुद ही खेतों में काम करना पड़ रहा है।
एक तरफ खेतों और फसलों का बुरा हाल है तो दूसरी ओर सिचांई के लिए बने ट्यूबवेल 6 महीनें से खराब पड़े हैं। लोगों के शिकायत करने के बाद भी प्रशासन की तरफ से यहां कोई नहीं आया। तीन बीघा खेत में जहां 14 कुंटल गेंहू उपजता था वहीं इन हालातों में 3 कुंटल गेहूं भी बड़ी मुश्किल से मिल रहा है।
पूरा दिन लगाने के बाद भी खेतों पर काम करने वाले मजदूरों को कुछ नहीं मिलता। हालात यह है की लोग पलायन करने लगे हैं। ऐसे में न किसान के पास देने के लिए कुछ है न मजदूर को कुछ मिल रहा है।
मजदूरों को उनका मेहनताना आधा मिल रहा है। इन्ही खेतों में कटाई करने वाले मजदूर दशरथ और उनके परिवार के चार लोग दिन भर में एक बीघा खेत की कटाई करके मात्र 360 रुपए कमाते हैं।
बयालिस बीघे की किसान मुन्नी का कहना है कि इस साल बहुत कम अनाज पैदा हुआ है। इसलिए 60 साल की उम्र में पहली बार खेतों की कटाई कर रही हूं। हालत यह है कि मेरी तीन बहुएं भी कटाई कर रही हैं और अगर जरूरत पड़ी तो हम दूसरे के खेत में कटाई कर सकते हैं।