भारत देश कृषि प्रधान देश आय। पै हमार देश मा किसानन के हालत बहुतै खराब हैं। कत्तौ बाढ़ तौ कत्तौ सूखा किसानन के कमर तोड़ के रख दिहिस हैं। बांदा जिला के तिंदवारी ब्लाक के गुगौली गांव मा किसानन के गेहूं अउर चना के फसल सूख गें हैं काहे से हेंया का सरकारी ट्यूबवेल बंद पड़ा है।
जितेन्द्र कुमार का कहब है कि तिरपन नम्बर का ट्यूबवेल चार-पांच साल से टूट पड़ा है एक दरकी बनवावा गा रहै पै तबहूं खराब है। नवा रिबोर करै खातिर अधिकारी लिखा-पढ़ी कइ लइ गें है पै अबै तक नवा रिबोर नहीं करिन आहीं।फारुख खान का कहब है कि ट्यूबवेल खराब होय से हर साल पच्चीस-तीस किसानन का नुकसान होत है। ट्यूबवेल पांच-छह साल चला है फेर बिगड़ गा है। संदीप शुक्ला बताइस कि प्राइवेट ट्यूबवेल से सिंचाई करावै मा चार सौ रुपिया के हिसाब से सिंचाई लागत है। शिवशंकर का कहब है कि ट्यूबवेल का रिबोर होइ जायें तौ बहुतै नींक है नहीं तौ सब बेकार है। सिंचाई विभाग के जेई जयकरन सिंह का कहना है कि दुई ट्यूबवेल खराब पड़े है जबै रुपिया आ जई तौ बनवा दीन जई।
या हाल तिंदवारी बस मा नहीं आय चित्रकूट जिला के मऊ ब्लाक के खंडेहा गांव का भी यहै हल हवै। हिंया अबै तक नहर मा पानी नहीं छोड़ा गा आय। नत्थू बताइस कि चकवा, मोहनी,नेउरा अउर खंडेहा समेत कइयौ गांव मा नहर का पानी जात हवैं। दस एकड़ मा बस पानी आवत हवै बाकी सूख पड़ा हवै।फसल सूखे मा बहुतै घाटा लागत हवै।
रामनारायण का कहब हवै कि जबै पानी बरसत हवै तो नहर भर जात हवै नहीं तौ सूख पड़ी रहत हवै। सुखेन्द्र का कहब हवै कि हिंया सौ मा अस्सी किसान परेशान हवै। सिंचाई विभाग मा लिखित दीने हन पै कउनौ सुनवाई नहीं भे आय।सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता अमरनाथ गुप्ता का कहब हवै कि खंडेहा का टैंक खराब हवै यहै कारन नहर नहीं चली आय।
रिपोर्टर-शिवदेवी और सुनीता देवी
Published on Dec 14, 2017