फैजाबाद मा नहरन कै स्थिति यहि समय काफी खराब बाय। जेसे किसानन का काफी दिक्कत कै सामना करै का परत बाय। किसाानन मा काफी गुस्सा बाय कि हर बार की तरह यहि बार भी नहर कै सफाई नाय भै। धान कै फसल बिना भये काटिके जानवरन का खिलावै का परा। दस दस पन्द्रह पन्द्रह बीघा खेती एक एक किसान के बाय। अगर धान कै फसल सही तरीका से भै हुवत तौ घरमा धान अमात न। लकिन नहर कै सफाई ना हुवय से पानी खेत तक नाय पहुंचा।
जेसे फसल नाय भै अउर काटिके जानवरन का खिलायगै इहै हाल गेहूं के फसल के ताई हुवत बाय। अब गेहूं कै सिंचाई करब बहुत जरूरी होइगा बाय। शासन प्रशासन का नहर के सफाई की ताई अप्लीकेशन दियत थक जात हई। लकिन शासन प्रशासन हमरे सबके समस्या पै ध्यान नाय दियत बाय।
यहि तरह के समस्या मा शासन प्रशान सुनवाई नाय करत अहैं तौ नहर रहे कवन फायदा? का सिर्फ देखावटी मा गांव गांव तक नहर कै सुविधा बाय। कि किसानन का लाभै मिले। अगर सुनवाई होगो करायै तौ बजट कै भी बहाना बनाय उठाथै। ऐसे मा किसान काव करैं? उनके ामस्या तौ जस कै तस बनी बाय। भारत एक कृषि प्रधान देश आय अगर यही तरह होये तौ किसान भुखमरी के कगार पै आय जइहै।