जिला सीतामढ़ी, प्रखण्ड डूमरा, गांव भौवपरसाद। उहां वार्ड नम्बर दु के सुमिंत्रा देवी के शादी रीगा प्रखण्ड के रामनगरा गांव में 6 जुलाई 2011 के भेल रहई। लेकिन उनकर पति दिलीप ठाकुर उनका रखे से इनकार क देले छथिन। केश भी भेल हई।
सुमित्रा देवी कहलथिन कि जबसे शादी भेल तबसे तीने महिना ससुराल रहली। हमर पति हमरा न चाहई छथिन। उ हमरा दुःख देवे लागल तब हम 29 अक्टूबर 2012 के केश कईली। तीन महिना हमर पति जेल में रहलथिन। जेल से निकलला के बाद तारिख पर उ न अवई छथिन। केश अभी चल रहल हई। सुमित्रा के पिता चुल्हाई ठाकुर भाई, रामदिनेश, रामविनय कहलथिन कि जहिया से हमरा लड़की के छोड़ देलक तहिया से उ बोला के न लेगेल। 2 जुन 2013 के उनकर माई शांति देवी मर गेलथिन। तब उहां के पंच चैबीस घंटा लाश न उठावे देलथिन, हम पहुंचली। पंचायत भेलई। जेइमें फैसला भेलई कि लड़की के रखु न त अढ़ाई लाख रूपईया वापस करू। लड़का वाला फेकन ठाकुर रूपईया देवे के सकार लेलथिन लेकिन लड़की के न रखलथिन अउर राते में सब भाग गेलथिन। न रूपईयो मिललई, न लड़की के ससुराल मिललई। गांव के समाज के कहना हई सब राजोपट्टी में रहईत रहलथिन। अब उनका कोई पता न हई।
सुमिंत्रा के जीवन में दुःखे हई
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