सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति व जनजाति में बदलाव किए जाने के बाद इस वर्ग के लोगों द्वारा इसका विरोध शुरू हो गया है।
कोर्ट द्वारा लिए गए इस फैसले को केंद्र सरकार के दबाव में लिए गए फैसले का आरोप आंबेडकर सेना हरियाणा द्वारा विरोध प्रदर्शन करके लगाया गया।
एक अंग्रेजी अख़बार के अनुसार, आंबेडकर सेना के हरियाणा ईकाई ने 21 मार्च को उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया। आंबेडकर सेना के प्रदेशाध्यक्ष दलबीर उमरा ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा कि एससी–एसटी एक्ट में बदलाव के तहत नया प्रावधान किया गया है जो अन्यायपूर्ण है। इस प्रावधान के तहत अब एससी–एसटी एक्ट लगने के बाद भी बगैर जांच के गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है जिससे मुश्किलें बढ़ेंगी।
वहीं, इस मामले में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि एससी–एसटी एक्ट के तहत अपराधों के सिलसिले में गिरफ्तारी से पहले जांच करने, तुरंत गिरफ्तारी न करने और गिरफ्तारी से पहले जमानत देने जैसे नियमों में नरमी लाने के बारे में माननीय उच्चतम न्यायालय ने जो निर्णय दिया है उससे दलित वर्ग एवं आदिवासियों के लिए कठिनाइयां और बढ़ने की आशंका है।