उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किए एक पत्र में कहा है कि ताजमहल और उसके आसपास के इलाके को प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए। साथ ही क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाली सभी औद्योगिक इकाइयां बंद करने का सुझाव भी दिया। सुप्रीम कोर्ट 31 जुलाई से इस मामले की रोजाना सुनवाई करेगा।
यूपी सरकार ने सुझाव दिया है कि ताजमहल परिसर में पानी की बोतलों पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। साथ ही अधिक से अधिक पर्यटक केंद्रों बनाने का भी सुझाव दिया है। इस दृष्टि पत्र में कहा गया है कि ताजमहल के आसपास पैदल आवागमन को प्रोत्साहित करने के लिये यातायात प्रबंधन योजना की जरूरत है।
केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया था कि आईआईटी, कानपुर ताजमहल और ताज ट्राइपेजियम जोन में वायु प्रदूषण का आकलन कर रहा है। संस्थान चार महीने में रिपोर्ट सौंप देगा। ताज ट्राइपेजियम जोन 10,400 वर्ग किमी का है। इसके तहत आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस व एटा और राजस्थान का भरतपुर आता है।