सीबीएसई की काउंसलिंग हेल्पलाइन पर परीक्षा के दौरान तनाव संबंधी सवालों को लेकर लड़कियों के मुकाबले लड़कों के अधिक फोन आए।
परीक्षा संबंधी चिंताओं को लेकर छात्रों की मदद के इरादे से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) का यह सालाना कार्यक्रम फरवरी से शुरू होकर अप्रैल तक चलता है, जिसमें छात्रों की परीक्षा संबंधी चिंताओं को दूर किया जाता है और उन्हें सलाह दी जाती है।
हालांकि छात्र परीक्षा के नतीजे घोषित होने के बाद भी लगातार फोन करते रहते हैं और काउंसलिंग टीम उनके तनाव संबंधी सवालों का समाधान करने की कोशिश करती है।
इन सवालों में दिल टूटने के मुद्दे , बच्चों– अभिभावकों के साथ हुए विवाद से लेकर कोई विषय याद करने में परेशानी और अन्य समस्याओं के चलते होने वाले तनाव शामिल हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हेल्पलाइन पर एक फरवरी से मई 2016 के बीच लड़कियों की तुलना में लड़कों के तीन गुना अधिक फोन आये।
बोर्ड इस साल अब तक 3467 कॉलर की काउंसलिंग कर चुका है, जिनमें से 74 पेशे से संबंधित फोन थे।
हेल्पलाइन पर 373 अभिभावकों ने फोन किया , शेष 3094 फोन छात्रों ने किये। इनमें महज 962 फोन लड़कियों के थे, जबकि लड़कों के फोन की संख्या 2132 थी।
हेल्पलाइन नंबर पर दिव्यांग बच्चों ने 17 फोन किये और ऐसे बच्चों के अभिभावकों ने आठ फोन किये।
छात्रों से आई फोन कॉल में 10 वीं कक्षा के छात्रों के फोन की संख्या 1523 तथा 12 वीं कक्षा के छात्रों के फोन की संख्या 1431 रही।
बोर्ड को 177 कॉल अन्य बोर्ड के छात्रों से भी मिलीं, जिनमें अधिकतर उत्तर प्रदेश से थे।