यूपी के सीतापुर जिले का खैराबाद इलाके में खूंखार कुत्तों का आतंक छाया हुआ है। इन कुत्तों के हमले से 12 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि कई जख्मी हैं।
बच्चे डर की वजह से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। हालांकि कई लोगों का ये भी कहना है कि ये कुत्ते नहीं भेड़िए हैं। ये खूंखार कुत्ते बच्चों और भेड़-बकरियों को अपना निशाना बना रहे हैं।
इन खूंखार कुत्तों की वजह से लोग दहशत में हैं। सीतापुर नगर पालिका और लखनऊ नगर निगम की टीम आवारा कुत्तों को पकड़कर उनको लखनऊ भेज रही है। करीब चालीस कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है।
मथुरा से एक टीम आई जो इस प्रकार के प्रवृत्ति वाले कुत्तों की तलाश कर रही थी, लेकिन कुछ ख़ास सफलता नहीं मिली। वन विभाग की टीम, पुलिस प्रशासन की टीमें, जिला पशुचिकित्सा की टीम मिलकर बारह टीमें पड़ताल कर रही हैं।
इस पूरे मामले में रिपोर्ट बनाने वाले सीतापुर के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी रविंद्र प्रसाद यादव का कहना है उनकी पड़ताल में ये पता चला है कि ये साधारण कुत्ते नहीं है जो मांसाहारी हो गए हैं। ये भेड़िया या कोई और खूंखार जानवर हो सकते हैं क्योंकि ये गर्दन पर हमला करते हैं। उन्होंने बताया कि शरीर को नोचा तो गया है लेकिन हमलावर ने मांस नहीं खाया है।
कई लोगों का कहना था की खैराबाद में ही एक बूचडखाना था, जहां से मांस के टुकड़े इन कुत्तों को खाने को मिलते थे। योगी सरकार आने के बाद नियमों को कड़ाई से लागू किया गया और बूचड़खाना बंद कर दिया गया। जिसके बाद मांस ना मिलने की वजह से ये कुत्ते आदमखोर हो गए और इस वजह से ये बच्चों पर हमला कर रहे हैं।
आरोप है कि 12 बच्चों की मौत हो जाने के बाद भी प्रशासन खामोश बैठा हुआ है। लेकिन इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार को दो लाख रूपए देने की घोषणा की है।