हर जिला मा कुपोषण कै स्थिति काफी गम्भीर बाय। जेकरे ताई सरकार के हिंया से कुपोषण से बचै के ताई नया नया नियम भी लगाय जात बाय। लकिन कुपोषण कै स्थिति जस कै तस बनी बाय। जवन कि वजन दिवस मा बच्चन कै वजन करै पै स्थिति सामने आय।
अम्बेडकर नगर मा अबहीं पूरा महीना बाल स्वास्थ्य पोषण माह मनावा जात बाय। जेहमा गेदहरन का कुपोषण से बचावै के ताई तरह तरह कै दवा पिलाय जाये। जेसे गेदहरन मा कउनौ तरह कै बिमारी न हुवय। अबहीं गांवन मा डोर टू डोर दवा पिलाय जात बाय। आंगनवाड़ी केन्द्रन मा पहिले कुपोषित गेदहरन का डबल पोषाहार लगया चना हलुवा जैसे पोषाहार दिया जात रहा। जेसे बिना बुलाये गेदहरै आवत रहिन। लकिन अब सिर्फ पंजीरी ही दिया जाथै। तौ का सिर्फ पंजीरी से गेदहरन कै स्वास्थ्य मा सुधार आय जाये।
आंगनवाड़ी केन्द्रन मा यहि समय खाना कै पैसा दुई तीन माह से नाय आवत बाय।
आंगनबाडि़यन कै भी कहब बाय कि सिर्फ पंजीरी खिलाये से गेदहरन कै स्वास्थ्य मा सुधार न होय जाये। पंजीरी अब कउनौ गेदहरै नाय खातिन। सब जानवरन का खिलावाथिन। यइसेन मा सरकार के यतना नियम लगाये कवन फायदा? पंजीरी खिलावै से सुधार न आय जाये। सरकार का कुछ यस नियम लगावै का चाही कि जेसे गेदहरन का सही पोषाहार मिल सकै?
सिर्फ पंजीरी से न होये कुपोषण मा सुधार
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