कर्नाटक राज्य के गदग जिले में सोमापुर गांव के किसान सिद्दप्पा ने बिजली उत्पादन के लिए एक पनचक्की बनाई है। इससे वे डेढ़ सौ वाट की बिजली रोज़ पैदा करते हैं। उन्हें सरकारी बिजली की ज़रूरत ही नहीं पड़ती।
सिद्दप्पा ने लकडि़यों की मदद से आठ बाहों वाला दस फुट का बड़ा सा पहिया तैयार किया। सारी बाहें पहिए के बीच में एक दूसरे से जुड़ी हैं। लेकिन पहिए के बाहर इन सभी बाहों का एक छोर खुला है। इन खुले छोर में आठ प्लास्टिक की बाल्टियां लटकाई गई हैं। इसे नहर के बीच में लगाया गया है। जब बाल्टियों के बीच से हवा टकराती है तो इन पर दबाव पड़ता है और पहिया घूमना शुरू कर देता है। बाल्टियां भी घूमती हैं। पहिया अपने केंद्र के चारों ओर घूमता है तो बाल्टियां अपने केंद्र के चारों ओर। इन दोनों के घूमने से एक करेंट पैदा होता है जिससे बनती है बिजली। इसे बनाने में पांच हज़ार का खर्चा आया है।
सिद्दप्पा की पनचक्की
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