जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ बरगढ़ परानू बाबा। यहां सावन के महीने में मेला लगता है। यह मेला लगते लगभग सौ साल हो गये हैं। इस मेले में कई जिलों से हजारों लोग आते हैं। यहां चूड़ी कंगन और मिठाई से सजी दुकानें देख के मन खुष हो जात है।
इहालाबाद शहर, जसरा ब्लाक की सोमवती और शंकरगढ़ कस्बा की रहने वाली अनीता ने बताया कि मेला देखने के लिये हर साल आते हैं। यहां खाना और फिर रोटी बना के मंदिर में चढ़ाते हैं। मेले में जलेबी और बच्चों को खेलने के लिये खिलौने खरीदते हैं। यहां के कुण्ड में नहाने का मजा कुछ और ही है।
मऊ ब्लाक, तुर्गवां गांव मड़हा पुरवा की रहने वाली द्यिावती सुनीता और सुमन का कहना है कि जंगल के बीच में परानु बाबा का मंदिर है। लोग पैदल चल के यहां आते हैं। मेले के समय ऐसा लगता है कि मानो कि यह आबादी वाला क्षेत्र है। महसूस नहीं होता कि यह जंगली इलाका है।
परानु बाबा मंदिन में रहने वाले बाबा मुरलिया और घनष्याम का कहना है कि कई पीढि़ से यहां मेला लगता है। परानू बाबा राजाओं के जमाने से मषहूर हैं।
सावन में खनकती चूड़ियां
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