जिला बांदा, ब्लाक नरैनी, गांव दिवली 2014-15 मा लोहिया भी रहि चुका है। दुई साल पहिले गांव मा बिजली के खम्भा गाड़ दीन गे रहैं अउर तार भी खिची गे,पै बिजली के सप्लाई नहीं दीन जात है। गांव के मड़ई अंधेरे मा रहैं का मजबूर हैं।
गांव के राघवेन्द्र का कहब है कि हम लोग सौर उर्जा लगवायें हैं। वहै से बच्चा पढ़त लिखत हैं बाकी के जिन्दगी तौ अंधेरे मा ही गुजारे का परत है। अगर सौर उर्जा चार्ज नहीं होत है तो बच्चा भी नहीं पढ़ पावत हैं।
रामस्वरूप का कहब है कि बिना बिजली के गांव मा चक्की भी नहीं आये। हमका गेंहू पिसावैं अउर घानी पेरावै खातिर पांच किलोमीटर पथरा गांव पैदल चल के जाये का परत है। शाम होतै डेर लागै लगत है।दुई हजार आबादी मा कुल छह सौर उर्जा लाग हैं। उंई भी आय दीन खराब रहत हैं।
अधिषाशी अभियन्ता अमरनाथ का कहब है कि राजीव गांधी विद्युत योजना के सर्वे भा रहे अउर ठेका से काम होत है। वा गांव तार अउर खम्भे लगे है सप्लाई चालू काहे नही आए यही के खातिर जांच कराई जई।
गांव के राघवेन्द्र का कहब है कि हम लोग सौर उर्जा लगवायें हैं। वहै से बच्चा पढ़त लिखत हैं बाकी के जिन्दगी तौ अंधेरे मा ही गुजारे का परत है। अगर सौर उर्जा चार्ज नहीं होत है तो बच्चा भी नहीं पढ़ पावत हैं।
रामस्वरूप का कहब है कि बिना बिजली के गांव मा चक्की भी नहीं आये। हमका गेंहू पिसावैं अउर घानी पेरावै खातिर पांच किलोमीटर पथरा गांव पैदल चल के जाये का परत है। शाम होतै डेर लागै लगत है।दुई हजार आबादी मा कुल छह सौर उर्जा लाग हैं। उंई भी आय दीन खराब रहत हैं।
अधिषाशी अभियन्ता अमरनाथ का कहब है कि राजीव गांधी विद्युत योजना के सर्वे भा रहे अउर ठेका से काम होत है। वा गांव तार अउर खम्भे लगे है सप्लाई चालू काहे नही आए यही के खातिर जांच कराई जई।
रिपोर्टर- गीता
03/09/2016 को प्रकाशित
तार लगे, खम्बे भी लगे
साल भर से बाँदा के नरैनी ब्लॉक की दीवाली पंचायत में नहीं आई बिजली