लखनऊ। राज्यों के सालाना खर्च का ब्यौरा देने वाली एक रिपोर्ट में चैंकाने वाले तथ्य सामने आए।
इस रिपोर्ट में दर्ज आंकड़ों के अनुसार राज्य को सालभर में खर्च करने के लिए जितनी राशि मिली थी वह वित्तीय वर्ष के आखिरी महीने यानी मार्च के शुरू तक खर्च नहीं हो पाई है। उधर सरकारी विभाग अब जल्दबाज़ी में भुगतान के बिल बना रहे हैं। कम समय में बुनियादी ढांचे को बनाने, मरम्मत करने के लिए ठेके उठा रहे हैं।
भाजपा के नेता सुरेश खन्ना का कहना है कि इस तरह की कार्यशैली से ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। अब आखिरी महीने में सरकारी विभाग जल्दबाज़ी में सड़क, पुल का ठेका बिना कुछ जांच पड़ताल के देंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार पर अब सवाल उठाए जा रहे हैं क्योंकि पिछले साल भी पाया गया था कि पास किए गए बजट का लगभग चैबीस प्रतिशत हिस्सा इसी जल्दी में अकेले मार्च के महीने में खर्च किया गया था।