केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साम्प्रदायिक हिंसक घटनाओं को लेकर आंकड़े जारी किए हैं। ये आंकड़े साल 2017 में जारी किये गये हैं।
इन घटनाओं में सबसे अधिक हिंसक घटनाएं उत्तरप्रदेश में हुई हैं।
जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल देशभर में अब तक 296 सांप्रदायिक घटनाओं के मामले में सामने आ चुके हैं। इन घटनाओं में 44 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि 892 लोग घायल हुए।
आकंड़ों के अनुसार, पिछले दो सालों में सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई है। साल 2016 में 703 और साल 2015 में 751 हिंसक घटनाएं हुईं थी। जिनमें साल 2016 में 86 और साल 2015 में 97 लोगों की मौत हुई।
इन सालों में उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 60 हिंसक घटनाएं हुईं। जिसके बाद कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल का नंबर आता है। उत्तर प्रदेश में हुई 60 सांप्रदायिक घटनाओं में 16 लोगों की मौत हुई और 151 लोग घायल हुए।
कर्नाटक में 30 घटनाओं में तीन लोगों की मौत हुई जबकि 93 लोग घायल हुए। पिछले महीने पश्चिम बंगाल के बशीरघाट में 26 हिंसक घटनाएं हुई। जिनमें तीन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
जबकि बीते साल राज्य में महज 32 हिंसक घटनाएं हुई और 4 चार लोगों की जान गई। रिपोर्ट के अनुसार, सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में लगातार तीसरा साल है।
साल 2015 में महाराष्ट्र में भी सांप्रदायिक हिंसा के 105 मामले सामने आए थे। हालांकि 2014 में शीर्ष तीन राज्यों में उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल थे।
केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में दिए गए लिखित जवाब के अनुसार, इस साल मई तक सांप्रदायिक टकराव के मामलों की संख्या मध्य प्रदेश में 29, राजस्थान में 27, पश्चिम बंगाल में 26 और बिहार में 23 रही है।
इसके अलावा गुजरात और महाराष्ट्र में 20-20 मामले दर्ज किए गए हैं। 2014 से लेकर मई 2017 तक के आंकड़ों को एक साथ करें तो देश में सांप्रदायिक टकराव के मामलों की संख्या 2,394 हो जाती है।
इनमें कुल 322 लोग मारे गए, जबकि 15,498 लोग घायल हुए हैं। हालांकि, इनमें मौतों के लिहाज से 2015 सबसे खतरनाक साल था। इस साल कुल 97 लोग मारे गए थे।
फोटो और लेख साभार: इंडियास्पेंड