जिला चित्रकूट और बाँदा। 4 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के सभी जिलो के बाजारों में सन्नाटा छाया हुआ था। 10 मार्च से शुरू हुई सर्राफा व्यापारियों की हड़ताल ने अप्रैल में अन्य बाजारों को भी बंद करवा दिया। फरवरी में केंद्र वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सर्राफा व्यापार पर एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी डालने की घोषणा की थी। जेटली का कहना था कि ‘‘जब हर सामग्री पर टैक्स लगता है तो सोने पर भी टैक्स लगना चाहिए।’’
चित्रकूट और बाँदा जिलों में मार्च के पहले हफ्ते से सर्राफा व्यापारियों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था। उनका कहना था कि यह टैक्स कारीगरों पर ज्यादा भरी पड़ेगा।
39 दिनों की लगातार हड़ताल के बाद सर्राफा व्यापारियों ने अपनी दुकाने 10 अप्रैल को वापस खोली। शादियों का मौसम शुरू हो चुका है, जिसके चलते सर्राफा व्यापारियों को घाटा हो रहा था और लोगों के भी शादी-ब्याह रुके हुए थे। हालांकि अभी व्यापारियों की मांगे पूरी नहीं हुई हैं लेकिन नुकसान होता देख वह वापस आ गये। आगे भी हड़ताल जारी रखने का फैसला जल्द ही लिया जाएगा। इन दो पक्षों के बीच आम आदमी फंस गया है। छोटे व्यापारी खुद परेशान हो गये है और रोजी-रोटी के लिए सब्जी बेच रहे हैं।
रमटेकवा गाँव के निवासी रमन की बेटी की शादी 17 अप्रैल को है। जेवर बनाने बाजार गए तो सारी दूकान बंद मिली। रमन जैसे कई अन्य लोगों के घरों में भी शादियों का काम रुका पड़ा है।
पहरा गाँव की शांति के लड़के की सगाई होनी थी जिसके लिए उन्हें जेवर गिरवी रखकर कुछ रुपये लेने थे लेकिन हड़ताल के कारण उनको रस्म की तारीख बदलनी पड़ी। काशई गांव के पप्पू और सविता का कहना है कि उन्हें भी अपनी लड़की की मुंह-दिखाई को टालना पड़ा क्योंकि वह लड़के वालो के लिए कूलर का इंतजाम नहीं कर पाए।
कर्वी के पुराना बाजार के सर्राफा व्यापारी अमन, नए बाजार के अमित अग्रवाल और राजापुर कस्बे के राजा का कहना है की व्यापारियों की हड़ताल के कारण करोड़ो रुपयों का नुक्सान हुआ है। वह कहते है कि “सर्राफा वालों की हालत एक मजदूर से भी ज्यादा खराब हो गई है। हम लोग खाना तक उधार ले रहे हैं।” व्यापारियों ने एस.डी.एम रजनीश कुमार मिश्र को ज्ञापन दिया है। एस.डी.एम का कहना है कि “5 अप्रैल को ज्ञापन केंद्र सरकार तक पहुंचा दिया गया है।”
व्यापार संघठन के नगर अध्यक्ष नीरज गुप्ता और जिला महामंत्री अंकित पहरिया का कहना है कि एक्साइज ड्यूटी का विरोध करना पड़ेगा, “सर्कार एक्साइज ड्यूटी को हम पर थोप रही है। अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ जायेंगे।”
सर्राफा व्यापारियों के विरोध के कारण कुछ इस प्रकार है-
– 25 लाख तक ड्यूटी पकड़े जाने में सात साल की जेल
– टैक्स ड्यूटी न दिये जाने के सूरत में जितनी ड्यूटी उतनी पैनाल्टी
– एक्साइज ऑफिसर की बात न मानने पर तीन महीने की सजा
– डाई वालों की दुकानों मे डाई कटने और डाई वाली दुकानों में सोनें का हिसाब मिलने पर सोना जब्त करना
– कारीगर के पास से माल और सोने का हिसाब न पाये जाने में सोना जब्त
– खरा सोना चेक द्वारा संस्था से खरीदना पड़ेगा
– दो लाख से ज्यादा सोना खरीदने पर ग्राहक का पैन नंबर और टीडीएस देना पड़ेगा
रिपोर्टर: तब्बसुम