दिल्ली। पाकिस्तान के लाहौर शहर में स्थित जिन्ना अस्पताल में दो मई को दिल का दौरा पड़ने से सरबजीत की मौत हो गई। पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में अन्य कैदियों द्वारा हमला किये जाने के बाद पिछले एक हफ्ते से वे कोमा में थे। अक्टूबर 1990 में सरबजीत पर जासूसी और बम धमाके कराने का आरोप लगा था। लाहौर की एक अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। पिछले 22 साल से वे जेल में थे। सरबजीत के परिवार के अनुसार वह सीमा पर स्थित अपने गांव से पाकिस्तान में भटक जाने के बाद गलत पहचान का शिकार बन गए थे। उनकी बेटी का कहना है की वे आतंकवादी नहीं थे और उन्हें उनका सम्मान वापस मिलना चाहिए। भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरबजीत की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने सरबजीत पर लगाए आरोपों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कही है।
सरबजीत की मौत
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