यूपीए सरकार द्वारा शुरू की गई महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) में काम करने वाले लोगों के वेतन में केंद्र सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में मात्र 2.7 फीसद की दर से औसत वृद्धि की है। जबकि बीते साल 5.7 फीसद की बढ़ोतरी की गई थी।
देश के कुछ राज्यों असम, बिहार, झारखंड, यूपी और उत्तराखंड में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों के दैनिक वेतन में सिर्फ 1 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। वहीं सूखा प्रभावित राज्यों तमिलनाडु और ओडिशा में 2 रुपये और आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सिर्फ 3 रुपये की वेतन वृद्धि हुई है।
वेतन संशोधन के बाद, झारखंड और बिहार ऐसे राज्य हैं जहां मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को सबसे कम वेतनमान मिलेगा है। इन राज्यों में अब मजदूरों को रोजाना 168 रुपये वेतन मिलेगा। यहां पहले 167 रुपये प्रतिदिन वेतन मिलता था। जबकि हरियाणा में सबसे ज्यादा 277 रुपये प्रतिदिन वेतन मिलेगा। पहले यहां 259 रुपये वेतन दिया जाता था।