किसानों के कर्जमाफी ऐसे चुनावी वादे से सत्ता हासिल करने वाली सरकार द्वारा किसानों की कर्जमाफी को लेकर किसान बहुत गुस्से में है। किसानों का कहना है कि 5-10 रुपए कर्जमाफी करने का कौनसा तरीका है। सुरेश का कहना है कि यह पैसा सरकार ने समोसा खाने और चाय पीने के लिए दिया है।
जिन किसानों का लाखों का या हजारों का कर्ज है वो कैसे चंद रुपयों की कर्जमाफी से खुश हो जाएँ! सरकार ने बुंदेलखंड के किसानों की कर्ज माफी यानि फसल ऋण मोचन योजना का पहला चरण शुर करते हुए यहां के दस हजार एक सौ चार किसानों को लाभ दिया गया। जबकि इस लाभ के नाम पर उनका मजाक बनाया है।
किसान तरुण सिंह कहते हैं कि हमारा तैंतालीस हजार रुपया कर्ज था जिस पर सरकार ने सत्तावन सौ दो रुपये मांफ किये हैं। यह तो सरासर धोखाधड़ी है। वहीँ, कुछ किसानों का आधा कर्ज माफ़ हुआ है और वह खुश हैं। एक-दो किसानों का पूरा कर्ज माफ़ हो गया है लेकिन ज्यादातर किसानों के लिए 2-5 रूपये का कर्ज माफ़ किया गया जिसे देख कर किसानों में सरकार के भारी रोष है।
हालाँकि यह पहली बार नहीं है इससे पहले भी बुंदेलखंड के सूखे के दौरान सरकार ने किसानों के साथ 5-6 रूपये माफ़ कर किसानों का भद्दा मजाक बनाया गया था।
भारतीय किसान यूनियन के बैजनाथ अवस्थी का कहना है कि हमें कर्जमाफ़ी से नहीं कर्ज मुक्ति से मतलब है लेकिन वो हुआ नहीं। यहाँ किसान आत्महत्या के लिए मजबूर है और सरकार उनके हालातों पर मौन।
बुंदेलखंड में कर्जमाफी प्रमाणपत्र का वितरण प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह के हाथों हुआ। इस बारे में उनका कहना था कि यह लिखने की और प्रिंटिंग की गलती हैलेकिन हमारी सरकार एक लाख तक के सभी ऋण माफ़ कर रही है।
बता दें कि अप्रैल में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने ऐलान किया था कि मार्च 2016 से पहले कर्ज लेने वाले किसानों का एक लाख रुपए तक का कर्ज माफ किया जाएगा।
रिपोर्टर-खबर लहरिया ब्यूरो
14/09/2017 को प्रकाशित