कुपोषित बच्चन का ढूढ़ै अउर उनके आकड़ा इकट्ठा करैं का काम जिला मा या समय जोर-शोर से चलत है। डी.एम. के आदेश से गांव-गांव मा कुपोषित बच्चन का ढूढ़ै खातिर आंगनबाड़ी कार्यकर्तन के जरिये सर्वे करावा गा है।
यहिके अलावा अब गांव-गांव कैम्प लगा के कुपोषित बच्चन का चिन्हित कीन जात है। जेहिसे कि कुपोषित बच्चन का इलाज गांव मा ही आंगबाड़ी कार्यकर्ता दुगुना पोषाहार दइके कई सकत हैं। अति कुपोषित बच्चन का इलाज पोषण पुर्नवास केन्द्र (एन.आर.सी.) मा भर्ती कइके कीन जा सकै। हेंया अति कुपोषित बच्चन का इलाज भर्ती कइके कीन जात है। बच्चन का पौष्टिक खाना अउर बच्चन के साथै रहैं वाले लोग का खाना अउर रोज सौ रूपिया दें का नियम है।
अबै तक मा स्पष्ट कुपोषित अउर अतिकुपोषित बच्चन के आकड़ा निकल के नहीं आये आय, पै डी.एम. बांदा जिला मा लगभग चैदह सौ से ज्यादा बच्चन का कुपोषित होय का आकड़ा बताइन है। पै का, या काम का सरकार लगातार बनाये राखी। या फेर जउनतान अबै तक कुपोषण का लइके कुछ काम नहीं भा आय वहिनतान ठण्डे बस्ता मा डाल दीन जई। शासन प्रशासन का या काम तौ सराहनीय है। या प्रयास से कुपोषण के सच्चाई उजागर भे है। पै अगर यहिके जिम्मेदार विभाग अउर कार्यकर्ता कुछ न करैं अउर कुपोषण व अति कुपोषण का रिकार्ड न राखै तौ उनके ऊपर कारवाही होय का चाही। यहिके खातिर प्रशासन का हमेशा सचेत रहैं का चाही।
सरकार के सराहनीय पहल
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