फैजाबाद अउर अम्बेडकरनगर मा यहि समय खाद के मारा मारी से किसान परेषान अहंै। ज्यादातर किसान खेती पै ही निर्भर अहैं। अगर खेती न होये तौ जनता का भूखा मरै कै स्थिति आय जाये।
साधन सहकारी समिति पै खाद सस्ते मा मिल जाथै जेसे किसानन का प्राइवेट दुकान पै मंहगे दाम मा नाय लियै का परत रहा। जब सहकारी समिति पै खाद आवाथै जे पहिले पहुंच जाथै वका मिल जाथै। जे किसान प्राइवेट खाद नाय लै सकत अउर उनका समिति से भी नाय मिल पाय तौ उनकै खेती खाद बिना खराब हुआथै। हलंाकि फैजाबाद जिला कृषि अधिकारी कै कहब बाय कि यूरिया खाद कै कमी बाय। चालिस हजार टन कै टारगेट बाय लेकिन अबहीं बत्तीस हजार आय बाय। सात हजार टन बाकी बाय यहि कारण यूरिया खाद कै कमी बाय।
जब सरकार का ई पता बाय कि जिला मा केतना खाद कै जरुरत बाय तौ कम मात्रा मा खाद काहे भेजा जाथै? अगर जैबिक खाद कै प्रयोग किसानन का करै का चाही तौ उनका वकै जानकारी काहे नाय दीन जात? सहकारी समिति पै भी नियम हुवय का चाही कि खाद खेती के अनुसार बंाटा जाए जेसे सब किसासन का बराबर मिल सकै। ऐसे मा जवन किसान पहिले पहुंचाथिन उनका मिल जाथै जे बाद मा जाथै वका नाय मिल पावत।
सरकारी समिति पै खाद की कमी
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