17 अक्टूबर 2017 को प्रकाशित
जिला ललितपुर,गांव दिदोनिया। इस गांव में बीस परिवार ऐसे है जो खेतों में बेकार पड़े अनाज को बीनकर अपनी दो वक्त की रोटी कमातें हैं। ये लोग बेकार पड़े गेंहू,चना,मटर,सोयाबीन और मक्का जैसे अनाजों को बीनतें है फिर उसको फटक कर साफ करते है और चकिया में पीस कर अपने बच्चों का पेट भरते हैं।सरकार की तरफ से इन लोगों को किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं है।
लालकुंवर ने बताया कि दिन भर में चार –पांच किलो अनाज बिनतें है और अपने बच्चों का पेट भरतें हैं।पति रोज दो सौ रुपिया कमाता है सरकार से कुछ मदद नहीं मिली हैं।दरौनी बताइस कि बारह महीनें हम सुबह से शाम तक यही अनाज बीननें का काम करतें हैं।जशोदा ने बताया कि हम गरीब है इस काम को करते हुए जिन्दगी बीत गई।गरीबी मिटानें के लिए हम सरकार के पास योजनाओं का अंबार तो है पर जमीनी स्तर में गरीबों की उनकी जगह नहीं मिल पाती हैं।इस समस्या को लेकर प्रधान ने बात करने से मना कर दिया है।
बाईलाइन-सुषमा