जिला बांदा, ब्लाक नरैनी, गांव आऊं पांच साल पहिले ग्राम सचिवालय बनाये गे रहै।सरकार इं सचिवालय सचिव के बइठे खातिर बनाइन रहै जेहिसे गांव के मड़इन का आपन काम करावे के सुविधा मिलै। सरकार लाखों रुपिया इं सचिवालय बनावे मा खर्चा करिस है पै अबै तक सचिवालय अधूरे पड़े है। सचिवालय के हालत देख के लागत है कि किनतान सरकारी धन का दुरुपयोग कीन गा हैं।
रामविलास बताइस कि अधिकारी न के बइठे खातिर सचिवालय बनवावा गा रहै। ठेकेदार रुपिया खा लिहिस कि गांव वाले मना कर दिहिन पता नहीं कउन कारन से सचिवालय बने का काम रुका है।
पूर्व प्रधान देवानन्द अवस्थी का कहब है कि सचिवालय बनावै खातिर लेखपाल से जघा निकलवा के दीने हौं। तबै सचिवालय बने का काम शुरू भा रहै। दूसर क़िस्त न आवे के कारन काम रुका पड़ा है जबै दूसर क़िस्त आ जई तौ काम शुरू होइ जई।
अधिषाशी अभियंता पैक निर्माण डा. आर. के द्विवेदी का कहब है कि कमेटी जांच करिस है जेहिमा कुछ कमी पाई गें है। 14 जुलाई 2012 के काम मा रोक लगा दीन गें रहै। 90 प्रतिशत सचिवालय बन गा है। रोक लागे के कारन सचिवालय अधूरा पड़ा है।
समाज सेवक प्रद्युमन द्विवेदी का कहब है कि सरकार कुछ सोच के सचिवालय बनाइन होइहैं। अधूरे सचिवालय खातिर योगी फेड का दरखास दीन जई। जेहिसे ग्राम पंचायत सचिवालय बने से मड़इन का सुविधा मिल सकै।
रिपोर्टर- गीता देवी
10/05/2017 को प्रकाशित