जिला बांदा, ब्लाक बबेरू, गांव मझिला। हेंया के रामकृपाल अउर तम्बू का कुष्ट के बीमारी है। राम कृपाल का कहब है कि वहिका ग्यारह साल से कुष्ट रोग है। इलाहाबाद के पास पड़ै वाला नैनी शहर के कुष्ट रोग अस्पताल से इलाज चलत है। कहत हैं कि यहिकर सेंत इलाज होत है, पै रामकृपाल अउर तम्बू का संेत इलाज का लाभ नहीं मिलत आय।
रामकृपाल अउर तम्बू का कहब है कि कुष्ट रोग का इलाज करावत करावत हमार जिंदगी बीती जात है। रूपिया के कउनौ गिनती निहाय कि केतना लाग गा होई, पै बीमारी के जिंदगी नहीं बीत आय। अब हमरे पास रूपिया भी निहाय। बहुतै सुनै मा आवत है कि या रोग का इलाज सरकारी अस्पताल मा सेंत मा होत है, पै हमार इलाज सेंत मा नहीं भा। पूरे देह मा सफेद दाग है। उनमा मवाद बहत है।
बबेरू सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के कुष्ट रोग अधीक्षक डाक्टर हीरा लाल कहिन कि अस्पताल मा सेंत का इलाज होत है। या रोग के दुई कोर्स चलत हैं। एक साल भर अउर दूसर छह महीना। इनतान के रोगिन का सेंत मा होय वाले इलाज का लाभ लें का चाही। सरकारी अस्पताल के दवाइन मा मड़इन का भरोसा कइके इलाज करावैं का चाही। रामकृपाल अउर तम्बू भी हेंया आ के होय वाले सेंत इलाज का लाभ लई सकत हैं।
सरकारी इलाज मा मरीज करैं भरोसा
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