जिला वाराणसी, ब्लाक हरहुआ,गावं रामपुर मल्लाह बस्ती। इहां लगभग पन्द्रह घर में आवास नाहीं हव। इहां के लोग बतावलन कि आखिर कब तक हमने के मड़ई में गुजारा करल जाई।
राजाराम समेत आउर लोगन के कहब हव कि हमने के पास घर ना रहे से बहुत परेशानी होला। राजाराम बतावलन कि हमरे एक ठे मड़ई हव। जेमे हमने दुनो बुढि़या बुढ़वा रहल जाला। हमार तीन लइका हयन तीनो अलग अलग रहलन। हमार लइकन मोटा काम करलन। पहिले के प्रधान से कहायल रहल लेकिन कुछ ना भयल। ए समय के प्रधान से कहे त ओन कहलन कि दस हजार रूपिया जमा करबा त आवास मिलि। हमने त कइसो कइसो आपन पेट चलाईला दस हजार कहाँ से देब।
अलका के पति कमलेश के कहब हव कि जेकर 2002 के बी. पी. एल. सूची में नाम हव। ओमे कुछ लोग के आवास मिल गएल हव हव। आउर कुछ लोग के प्रस्ताव में नाम डाल देहले हई।
सरकारी आवास खातिर मांगत घूस
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