भारतीय टीवी सीरियल एक कभी न खत्म होने वाली बीमारी की तरह है, जहाँ कभी, कोई भी महिला सांप बन सकती है, महिला से चुड़ैल, चुड़ैल से बाबा, बाबा से महिला और फिर महिला से मक्खी बनती रहती हैं। लेकिन इनसे भी एक कदम आगे जाकर कलर्स चैनल, एक सीरियल लाया है जिसमें एक महिला किन्नर है और ये बात उसे 21वें साल तक पता नहीं चलती।
यह एक बेहद गंभीर मुद्दा है जिस पर सही जानकारी और तथ्यों के साथ फिल्मांकन करना चाहिये था लेकिन सीरियल लिखने वाले ने इसे काल्पनिक रूप दे दिया है।
कलर्स पर आने वाला नया सीरियल ‘शक्ति’ ऐसा ही एक अजीबोगरीब बनावटी और बेढंगी कहानी का उदहारण है। इस सीरियल को देखने के बाद ताज्जुब होता है कि अपनी आयु के 21 वर्ष तक कोई लड़की अपने शरीर से कैसे अनजान रह सकती है।
इसमें दिखाया गया है कि सौम्या एक किन्नर है लेकिन यह बात उसे मालूम नहीं है और उसकी शादी कर दी जाती है। शादी के बाद सुहागरात के दिन सौम्या की माँ उसको अपने पति से अलग रहने को कहती है क्योंकि ‘अभी ग्रह खराब हैं और तुम दोनों को अलग रहना चाहिये’, कह कर उसकी सच्चाई को कुछ समय के लिए छुपा लेती है लेकिन जब ससुराल पक्ष के लोग उन्हें बाहर हनीमून पर भेजने की बात करते हैं तो सौम्या की माँ डर जाती है और किसी भी तरह से अपनी बेटी को रोकना चाहती है।
सौम्या की माँ कई हथकंडे अपनाती है लेकिन जब कुछ नहीं हो पाता तो वो सौम्या के ससुराल जाने के लिए निकल पड़ती है लेकिन इससे पहले ही सौम्या को मंदिर में कुछ किन्नरों द्वारा घेर कर उसकी सच्चाई उसे बता दी जाती है।
आश्चर्य की बात है कि भारतीय टीवी सीरियल देखने वाली जनता ऐसे सीरियल बड़े ही सनसनीखेज खबरों की तरह देखते हैं और उनके रहस्यों को लेकर आपस में चर्चा भी करते हैं।
किन्नरों के बारे में जानकारी देना और ट्रांसजेंडर जैसे मुद्दे पर समाज में जागरूकता लाने के लिए सीरियल बनाना सराहनीय है लेकिन यह मुद्दा ऐसा है जिसके लिए समाज में एक बड़ा तबका संघर्ष कर रहा है और ऐसे में शक्ति जैसे गुमराह करने वाले सीरियल समाज में अफवाह, भ्रांतियां और झूठ फैला रहे हैं।
साभार: द लेडीज फिंगर