उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में अड़तालिस हजार आठ सौ अड़सठ अन्त्योदय राशन कार्ड हैं। जिनमें से चालीस हजार आठ सौ कार्ड धारको को समाजवादी सूखा राहत किट का लाभ मिल रहा है और दस हजार से अधिक लोग है जो पात्र होने के बावजुद भी कोटेदार, लेखपाल और जिला नोडल अधिकारी के यहां चक्कर काटते फिर रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
तिन्दवारी ब्लॉक, गांव पलरा। गांव के लोगो का आरोप कि उनके पास अन्त्योदय कार्ड है पर उत्तर प्रदेश सरकार के यहां से चलाई गई समाजवादी सूखा राहत योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिसके लिए 3 जून को पैलानी तहसील में दरखास देकर किट की मांग भी की है।
गांव कि राजाबेटी कहती हैं कि मेरे चार बच्चे हैं, पति चार साल पहले ही खत्म हो गये। घर में कमाने वाला भी कोई नहीं है न ही कोई जमीन है हमारे पास है। हम राशन पर ही निर्भर हैं लेकिन इस कार्ड पर भी मुझे सूखा राहत किट नही मिला। अन्त्योदय सूची में नाम होने के बाद भी कोटेदार हमार किट नहीं दे रहा है।
भवनीपुर गांव के कुछ लोगो का कहना है कि हमारे गांव का कोटेदार रामकिसून है। वह किट वितरण करने में हम लोगो से चालीस-चालीस रुपए वसूलता है। जबकि यह पूरी तरह से मुफ्त सेवा है और इन किटो में पैसा लेने का कोई नियम नहीं है।
मुफ्त राशन भी न दे सका ‘राहत’
बांदा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा यजना में गरीबों को मुफ्त राशन योजना का हाल ‘ऊचा नाम, फीका पकवान’ जैसा रहा है। पहले ही दिन, तमाम कोटे की दुकानें खुली ही नहीं। कुछ ने आधा अधूरा बांटकर ताला जड़ दिया। मंडल मुख्यालय में न कहीं नोडल अफसर नजर आए, न आपूर्ति विभाग ने सुध ली।
5 जून से अंत्योदय और पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को मुफ्त राशन बांटने की योजना लागू हो गई। अंत्योदय कार्डधारकों को 15 किलो गेहूं और 20 किलो चावल मुफ्त दिया जाना है। दो किलो चीनी 13 रुपये 50 पैसे किलो और तीन लीटर मिट्टी का तेल 16 रुपये 65 पैसे प्रति लीटर की दर से दिया जाना है। इसी तरह पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को साढ़े तीन किलो प्रति यूनिट गेहूं और डेढ़ किलो प्रति यूनिट चावल मुफ्त मिलेगा। इन्हें चीनी चाहिए तो 900 ग्राम चीनी 12 रुपये 15 पैसे की मिलेगी। मिट्टी के तेल में कोई रियायत नहीं मिलेगी।
योजना की शुरुआत मंडल मुख्यालय हुई लेकिन फीकी रही। जिनको मुफ्त अनाज मिला वह भी संतुष्ट नजर नहीं आए। राशन लेने आयीं मालती ने बताया कि अनाज में कूड़ा करकट ज्यादा है। धोने साफ करने में यह आधा ही रह जाएगा। कोटेदार ने बताया कि 87 अंत्योदय और 582 पात्र गृहस्थी कार्ड धारक संबद्ध है।
कुछ मुख्य दुकानों पर ताला पड़ा रहा। गर्मी में मुफ्त राशन की उम्मीद से आए गरीब कार्ड धारक बैरंग लौट गए। कुछ ने घंटों दुकानदार का इंतजार भी किया। आसपास वालों ने बताया कि सुबह कुछ घंटे दुकान खोली गई थी। खुटला में कोटेदार संतोष गुप्ता के यहां 88 अंत्योदय और 741 पात्र गृहस्थी (829) कार्ड संबद्ध है। लेकिन यहां राशन सिर्फ 495 कार्डों का आवंटित हुआ है। योजना के पहले ही दिन 246 गरीबों का पत्ता साफ कर दिया गया। ऐसे कई कार्ड धारकों की खरीखोटी कोटेदार को सुननी पड़ी।
कोटेदार रामकिसून कहते हैं कि हम लोगो का इस समान को लाने में दो हजार रुपए का भाड़ा लगता है, उसे हम कहां से वापस पाएंगे इसलिए लोगों से ही लेते हैं।
ग्राम पंचायत खौड़ा के राममिलन गोमती कहना है कि हमारे ग्राम पंचायत में पैंसठ अन्त्योदय राशन कार्ड हैं लेकिन एक कार्ड पर भी समाजवादी किट का वितरण नहीं हो रहा है और न ही ये किट हमारे ग्राम पंचायत में आ रहे हैं। जबकि हमारे आस-पास के गांवो में इन किटों का वितरण हो रहा है।
बंदा तहसीलदार कहते है कि खौड़ा दतरौली और जरिया इन तीनो में पैंसठ अन्त्योदय कार्ड है पर वहां के लेखपाल का तबदला हो गया है. जिसके चलते उन गांवों में वितरण कराने के लिए कोई नहीं है।
यही हाल नरैनी ब्लॉक, गांव चनपुरा की प्रेमा का है. वो बताती है कि मेरे पास अन्त्योदय राशन कार्ड था जो चुनाव के समय कोटेदार ने जमा करा लिया था और अब कहता है कि खो गया है। लेकिन उसके पास सूची में मेरा नाम है, इसलिए मुझे समाजवादी सूखा राहत किट दो महीने से बराबर मिल रहा है लेकिन मेरे परिवार में 18 लोग हैं तो इस किट से महीने भर का खर्च नहीं चल पा रहा है।
जिला पूर्ति अधिकारी आनंद कुमार सिहं कहते है कि हम क्या करे, जितना ऊपर से आदेश है, जितना आ रहा है उसी हिसाब से गांवों में भी बांटा जा रहा है. इस किट में पैसा लेने का कोई नियम नहीं है, न ही हमारे पास इस तरह कि कोई शिकायत आई है। अगर ऐसा कहीं पर है तो उसकी जांच की जाएगी।
रिपोर्टर – गीता