समलैंगिकों की शादी को मंजूरी देने वाला ताइवान एशिया का पहला देश बन गया है। ताइवान की सर्वोच्च अदालत ने समलैंगिकों के पक्ष में फैसला देते हुए कहा है कि एक ही लिंग के लोगों की शादी पर मौजूदा प्रतिबंध संविधान के खिलाफ है।
समलैंगिक समुदाय को उम्मीद है कि यह मंजूरी मौजूदा कानून में बदलाव लाएगी। कानून के बनने के बाद समलैंगिक जोड़ों को गोद लेने, संपत्ति और दूसरे मामलों में समान अधिकार मिल सकते हैं।
अदालत समलैंगिक संगठनों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी और अब संसद को नया कानून बनाना होगा।
समलैंगिक कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि निर्णय उनके पक्ष में आयेगा। ताइवान में समान विवाह अधिकार की मांग को लेकर दबाव बढ़ रहा था। कुछ रूढिवादी समूह इसके विरोध में भी थे। उन्होंने कानून में परिवर्तन के खिलाफ रैलियां भी निकाली थीं। उनका मानना है कि इस बहस ने समाज को बांट दिया है।
इस मामले में 14 वरिष्ठ न्यायाधीशों का एक पैनल बनाया गया था। जिन्होंने इस पर चर्चा की कि ताइवान का मौजूदा कानून संवैधानिक है या नहीं। ताइवान में समलैंगिक अधिकारों के लिए अभियान छेड़ने वाले अगुआ ची चीआ-वी ही इस मामले को संवैधानिक न्यायालय में लाए।