16 नवम्बर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप मनाया जाता है। वैसे तो पत्रकारिता के क्षेत्र बहुत चुनौतियों हैं। और ज्यादातर इस क्षेत्र में पुरुष ही दिखाई पड़ते हैं। उस पर अगर महिला पत्रकार है तो चुनौतियों का कोई ठिकाना नहीं है। फिर भी खबर लहरिया में सारी महिला पत्रकार हैं। इन पत्रकारों को अपने काम के तहत किन किन चुनौतियों से जूझना पड़ता है। आइये जानतें है। इन्हीं की जुबानी।
पत्रकार नाजनी रिजवी का कहना है की चित्रकूट डाकूओं का इलाका हैं आये दिन यहां पुलिस मुठभेड़ होती रहती है। कुछ डाकू मारे भी गये है। जब हम इस तरह की खबर लेने जाते है तो जंगली इलाके से होकर गुजरना पड़ता है वहां कोई बस्ती नहीं दिखती है। इस तरह की खबर करना हमारे लिए चुनौती है।
सीनियर पत्रकार मीरा देवी का कहना है कि अधिकारियों से कैमरे में बात करना इस समय सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए अधिकारियों के दस बार चक्कर लगानें पड़ते है क्यों हम पत्रकारों के साथ ऐसा होता है।
पत्रकार सहोद्रा का कहना है कि डाकुओं की खबर करने पर लोग नहीं मिलतें हैं। लोगों का दरवाजा खुलवा कर खबर लेनी पड़ती है।
पत्रकार सुनीता प्रजापति ने बताया की जब हम राजनीति अधिकारियों और खनन पर खबर लिखते है तो पक्ष विपक्ष सबकी बातें लिखते है। तब बहुत सारे लोग हमारे विरुद्ध खड़े हो जाते है।फिर भी हम अपना काम अच्छे से करते है।
खबर लहरिया पत्रकार गीता देवी का कहना है। कि कुछ लोग खबर निकालने को मना करते है। और पैसा देने की कोशिश करते है।
इन हालातों के बाद भी प्रेस की स्वतंत्रता और निष्पक्षता के लिए राष्ट्रीय प्रेस दिवस मुबारक हो
बाइलाइन-खबर लहरिया ब्यूरो
Published on Nov 16, 2017