जिला वाराणसी, ब्लाक चिरईगावं, गावं रजनहिइहां। इहां के राजभर बस्ती के रमदेई, पुष्पा इ सब लोगन के कहब हव कि इहां के आशा त गावं में नाहीं रहलीन। जाके शहर में रहलीन। गावं में जरूरत पड़ले पर आवलीन। अगर जब तुरन्त बुलावल जाई त वहां से आवत आवत देरी हो जाला।
आशा सेजू देवी के कहब हव कि हमरे इहां बारह सौ के आबादी में यक भी कुपोषित बच्च् बच्चा नाहीं हयन। गर्भवती मेहरारू के आयरन के गोली जब टीकाकरण होला तब देहीला। टीकाकरण हर महीने में होल करला। गर्भवती मेहरारू के टीकाकरण ढाई महीना बाद शुरू होला। गर्भवती मेहरारू के हर महीना में एक बार देखे जाइला। आउर डिलीवरी वाले महीना में दू तीन बार जाके देख लेइला। डिलीवरी के बाद तीसरे दिन, सातवं दिन आउर चैदहवे दिन जाइला। जाके ओन लोगन के बताइला के नाल पर राख ना लगावे चाही। आउर जवन भी बात रहला। उ सब बताइला। एकबच्चा में तीन साल के फर्क होवे के चाही।