इस समय सब्जि़यों के दाम आसमान छू रहे हैं। माटी के भाव बिकने वाली लौकी कद्दू भी नसीब नहीं हो पा रहे हैं। हरी सब्ज़ी अब लोगों के थाली से गायब होती जा रही हैं।
जिला बांदा। बाबूलाल चैराहा के दुकानदार कमलेष गुप्ता ने बताया कि सब्ज़ी के भाव रोज़ बढ़ रहे हैं। दुकानदारों की भी मजबूरी है कि उन्हें उतने ही दाम में सब्ज़ी बेचनी पड़ती है। ब्लाक तिन्दवारी के पदारथपुर गांव की राजेश्वरी ने बताया कि पहले चार सौ में हफ्ते भर की सब्जी़ आ जाती थी पर अब हज़ार रुपए आराम से खर्च हो जाते हैं। आए दिन दाल, कढ़ी, बरी या फिर नमक रोटी से काम चलाना पड़ता है।
बड़ोखर खुर्द के भरखरी गांव के चुन्नी लाल सब्ज़ी उगाने का काम अरसे से करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस साल बारिश न होने से सात सौ रुपए प्रति घण्टे सिंचाई पर खर्च हो रहा है। इसलिए सब्जि़यां महंगी हो गई हंै।
जिला चित्रकूट। पहाड़ी ब्लाक के लोहदा गांव की अनीता दस वर्ष से सब्ज़ी की दुकान कर रही हैं। उन्होंने बताया कि आज कल सब्ज़ी के महंगे दाम सुनकर लोग खरीदते ही नहीं हैं। इस कारण अनीता की सब्जि़यां दुकान में पड़े पड़े सड़ जाती हैं।
इस समय प्याज़ 30 रुपए किलो, आलू 30 और टमाटर तो 100 से 120 रुपए किलो पहुंच गया है। भसिन्डा 60, गोभी 80, भिण्डी 40, कद्दू 25 और लौकी 20 रुपए किलो में बिक रही है।
पालक 40, परवल 60, पत्तागोभी 60 और करेला 40 रुपए किलो में मिल रहा है। मिर्चा 80, अदरक 40 रुपए पाव और धनिया 150 रुपए किलो के भाव है।