मध्य प्रदेश के सतना जिले में 14 दिसंबर की रात को क्रिससम की तैयारियों में जुटे ईसाई समुदाय के लोगों पर धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए कथित तौर पर हिंदूवादी संगठन से जुड़े युवाओं ने हमला बोल दिया।
हमले के दौरान युवकों ने उनसे मारपीट की और उनकी कार को भी आग के हवाले कर दिया। चर्च का पादरी रोनी वर्गीस ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पुलिस ने उत्पातियों पर कार्रवाई करने के बजाए पीड़ितों को ही हिरासत में ले लिया और साथ ही छह लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया।
रोनी वर्गीस ने कहा, “शहर से 15 किलोमीटर दूर दराकलां गांव में स्थित चर्च में पादरी बनने का प्रशिक्षण लेने आए छात्र क्रिसमस की तैयारी में जुटे थे और इसी क्रम में जगह–जगह क्रिसमस कैरोल गाए जा रहे थे और नाटक आदि किए जा रहे थे। क्रिसमस की तैयारियों के अंतिम दिन कुछ युवक आए और धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे।”
रोनी वर्गीस ने कहा कि कुछ उत्पाती हिंदू युवक धर्मांतरण की बात कह रहे थे जबकि ऐसा कुछ नहीं था, क्रिसमस की तैयारी चल रही थीं। धर्मांतरण का आरोप बेवजह लगाया गया है।
नगर पुलिस अधीक्षक डीडी पांडे ने बताया कि धर्मेंद्र दोहड़ नाम का युवक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका धर्मांतरण करने के लिए पांच हजार रुपये दिए गए। तालाब में स्नान कराया गया। साथ ही उसका नाम बदलकर धर्मेंद्र थॉमस किया और कहा गया कि अब ईशु की पूजा करना।
उन्होंने बताया कि धर्मेंद्र की शिकायत पर पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सतना में कथित तौर पर धर्मांतरण को लेकर की पादरी संग मारपीट
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