जिला बांदा, ब्लाक तिंदवारी ,गांव पपरेन्दा हेंया से पपरेन्दा गांव का जाये वाली एक किलो मीटर सड़क एक साल से खराब है,पै सड़क बनवावैं खातिर पी.डब्ल्यू.डी. विभाग अंजान बना है। गांव के
रामबाबू का कहब है कि सड़क मा बड़े बडे़ गढ़वा है। यहिसे सड़क मा पानी भरा रहत है। वहे पानी मा मोटर साइकिल से आवैं जाये वाले मड़ई्र निकरत हैं तौ उनके मोटर साइकिल गिर जात है अउर उंई चोटा जात है। उनका का पता कि सड़क मा गढ़वा है जेहिसे गाड़ी पलट जई। पशु अस्पताल से मेन रोड तक एकौ दरकी पी.डब्ल्यू.डी विभाग सड़क नहीं बनवाइस है।
कमलेश मिश्रा का कहब है कि या सड़क एक साल सक खराब है। म्ें सात साल से हिंया तांगा चलावत हौ। तांगा चलावैं मा डेर बना रहत है कि कत्तौ घोड़ा के गोड़ न टूट जाये। हिंया लगभग बीस आटो चलत हैं।
यहिनतान गुलाब तिवारी कहिस कि अगर हाईवे जाम होइ जात है तौ यहै सड़क से मड़ई निकरत हैं। हिंया से चिल्ला, खप्टिहा अलोना,पैलानी अउर मिरगहनी समेत कइयौ गांव के लोग आवत जात है।
ब्लाक तिंदवारी गांव पपरेन्दा के पुलिया एक साल से टूट है। मड़ई पुलिया बनवावैं खातिर पी.डब्ल्यू.डी. विभाग मा कहिन,पै कउनौ ध्यान नहीं दीन गा है।
रामभरोसे का कहब है कि टूट पुलिया मा जानवर अउर मड़इन के घुसै का खतरा बना है। अगर मड़ई टूट पुलिया मा घुस जइहैं तौ विकलांग भी होइ सकत है। का जबै कउनौ मड़इन के हाथ गोड़ टूट जइहैं तबै पी डब्लू डी विभाग वाले पुलिया बनवइहैं।विभाग वालेन का या बात का ध्यान काहे नहीं रहत आय का उनका कउनौ बड़ी घटना का इंतजार है।
गोरेलाल कहत है कि टूट पुलिया होय के कारन लोगन का जीवन खतरा से भरा है। कत्तौ भी बड़ी दुर्घटना घट सकत है। का जबै कउनौ घटना घट जई तबै पी.डब्ल्यू.डी. विभाग वाले पुलिया बनवइहैं।
रामबाबू का कहब है कि सड़क मा बड़े बडे़ गढ़वा है। यहिसे सड़क मा पानी भरा रहत है। वहे पानी मा मोटर साइकिल से आवैं जाये वाले मड़ई्र निकरत हैं तौ उनके मोटर साइकिल गिर जात है अउर उंई चोटा जात है। उनका का पता कि सड़क मा गढ़वा है जेहिसे गाड़ी पलट जई। पशु अस्पताल से मेन रोड तक एकौ दरकी पी.डब्ल्यू.डी विभाग सड़क नहीं बनवाइस है।
कमलेश मिश्रा का कहब है कि या सड़क एक साल सक खराब है। म्ें सात साल से हिंया तांगा चलावत हौ। तांगा चलावैं मा डेर बना रहत है कि कत्तौ घोड़ा के गोड़ न टूट जाये। हिंया लगभग बीस आटो चलत हैं।
यहिनतान गुलाब तिवारी कहिस कि अगर हाईवे जाम होइ जात है तौ यहै सड़क से मड़ई निकरत हैं। हिंया से चिल्ला, खप्टिहा अलोना,पैलानी अउर मिरगहनी समेत कइयौ गांव के लोग आवत जात है।
ब्लाक तिंदवारी गांव पपरेन्दा के पुलिया एक साल से टूट है। मड़ई पुलिया बनवावैं खातिर पी.डब्ल्यू.डी. विभाग मा कहिन,पै कउनौ ध्यान नहीं दीन गा है।
रामभरोसे का कहब है कि टूट पुलिया मा जानवर अउर मड़इन के घुसै का खतरा बना है। अगर मड़ई टूट पुलिया मा घुस जइहैं तौ विकलांग भी होइ सकत है। का जबै कउनौ मड़इन के हाथ गोड़ टूट जइहैं तबै पी डब्लू डी विभाग वाले पुलिया बनवइहैं।विभाग वालेन का या बात का ध्यान काहे नहीं रहत आय का उनका कउनौ बड़ी घटना का इंतजार है।
गोरेलाल कहत है कि टूट पुलिया होय के कारन लोगन का जीवन खतरा से भरा है। कत्तौ भी बड़ी दुर्घटना घट सकत है। का जबै कउनौ घटना घट जई तबै पी.डब्ल्यू.डी. विभाग वाले पुलिया बनवइहैं।
08/07/2016 को प्रकाशित
सड़क बदल गयी हैं गड्ढे में और पुलिया है गायब
बांदा में तिंदवारी से पपरेंदा की सड़क और तिंदवारी से पदारथपुर के बीच की पुलिया बस नाम मात्र ही रही है
क्या कहता है पी डब्लू डी विभाग?
कभी स्वीकृति नहीं है तो कभी जानकारी ही नहीं है!