नई दिल्ली। संसद में 3 जुलाई को कांग्रेस के पच्चीस सांसद पांच दिन के लिए बर्खास्त कर दिए गए। संसद की लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि उन्होंने इन सांसदों को सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए बर्खास्त किया है। कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसे लोकतंत्र और कांग्रेस के लिए काला दिन बताया।
कांग्रेस इस मुद्दे पर और ज़्यादा विरोध करने की तैयारी कर रही है। दरअसल कांग्रेस के सांसद व्यापम यानी मध्यप्रदेश में मेडिकल, इंजीनियरिंग काॅलेजों और सरकारी नौकरियों की भर्ती में हुए घोटाले में शिवराज सिंह चैहान और ललित मोदी को फायदा पहुंचाने के मामले में सुषमा स्वराज से इस्तीफे की मांग कर रहे थे। विरोध पिछले दो दिनों से हो रहा था।
विपक्ष हुआ एकजुट
ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस और माकपा ने भी संसद की इस कार्रवाई को गलत ठहराया है। तृणमूल के सुदीप बंधोपाध्याय और माकपा के पी. करुणाकरन ने कहा जब भाजपा विपक्ष में थी तो 2010 में पूरा एक सत्र नहीं चलने दिया था।
समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल ने भी कांग्रेस का समर्थन किया। आम आदमी पार्टी ने भी पांच दिन तक संसद से बाहर रहने का फैसला किया।