आज संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया, लेकिन सरकार ‘तीन तलाक’ बिल को राज्यसभा से पारित नहीं करवा पायी। इस बिल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने–सामने रहा।
4 जनवरी को राज्यसभा में ‘तीन तलाक’ बिल को लेकर काफी हंगामा हुआ, आज की कार्यवाही में इस बिल को सूचीबद्ध भी किया गया था। लेकिन दोनों पक्षों के बीच जिस तरह का गतिरोध चला और बिल राज्यसभा में अटका रह गया।
विपक्ष बिल को खास कमेटी के पास भेजने पर अड़ा रहा, जबकि सरकार ऐसा नहीं चाहती थी।
बिल में ‘तीन तलाक’ को आपराधिक मामला घोषित करने पर कांग्रेस को आपत्ति है, इसलिए वह बिल को खास कमेटी के पास भेजना चाहती है।
डीएमके और एनसीपी सहित पूरा विपक्ष बिल को खास कमेटी के पास भेजने की वकालत कर रहा था, वहीं सत्ता पक्ष का कहना था कि लोकसभा में तो आपने बिल का समर्थन कर दिया, तो राज्यसभा में बिल को क्यों अटका रहे हैं, यह कांग्रेस के दोहरे स्तर को दर्शाता है।
गौरतलब है कि 22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने ‘तीन तलाक’ को असंवैधानिक बताते हुए सरकार को इसकी जगह पर छह माह के अंदर नया कानून बनाने को कहा था।
ऐसे में सरकार के पास अभी एक माह का समय है। संसद का बजट सत्र भी इसी माह के अंतिम सप्ताह में शुरू होगा। ऐसे में अब बजट सत्र में ही ‘तीन तलाक’ बिल का भविष्य तय होगा।