जि़ला लखनऊ थाना बंथरा गांव रतौली। यहां के रामखिलावन की दो बेटियों की हत्या 30 नवंबर को हो गई। हत्या का आरोप भाई पर है। अभी तक की जांच में पुलिस को संदेह है कि यह हत्या बहनों द्वारा मायके की संपत्ति में हिस्सा मांगने के कारण हुई है।
लड़कियों की मां ऊषा देवी ने बताया कि ‘हम सो रहे थे। अचानक छोटी बेटी सरिता की चीख सुनी तो जग गए। एक से दो बार में ही उसकी चीख शांत हो गई। हत्यारों ने घर में घुसने से पहले बिजली काट दी थी। मैं चिल्लाई तो मेरे गले में भी चाकू रख दिया। मैं किसी तरह वहां से भागकर बाहर टीन शेड पर कूद गई और शोर मचाया। पड़ोसियों ने सुना तो पुलिस को खबर दी।’
आसपास के लोगों ने बताया कि बीच गांव से यह लोग लगभग दस साल पहले सड़क के किनारे रहने चले गए थे। रामखिलावन का घर बिल्कुल एकांत में हैं। उनके दो बेटियां और दो बेटे थे। बड़ा बेटा अयोध्या कम दिमाग का है। वह एक होटल में काम करता है और वहीं रहता है। दूसरा बेटा संतोष विकलांग है। उसकी शादी दो साल पहले हुई थी। बड़ी बेटी रेखा की शादी करीब सात महीने पहले हुई थी। वह यहीं रहकर पढ़ाई कर रही है। संतोष की पत्नी के साथ उसकी बहनों की पटती नहीं थी। डेढ़-दो महीने से, ऊपर रामखिलाव और उसकी पत्नी अपनी दोनों बेटियों के साथ रहते थे और नीचे बेटे का परिवार रहता था।
बंथरा थानाध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने बताया कि ‘हमें पहले से ही किसी करीबी पर शक था। क्योंकि हत्यारे बिना किसी ज़ोर ज़बरदस्ती के घर में घुसे थे। फिर हमने उसके भाई से और रेखा के पति से पूछताछ की। इसमें जो बातें सामने आईं वे ये थीं कि उसकी मां को नवासे में कुछ ज़मीन मिली थी। उसे बेचा गया और सारे पैसे संतोष को मिले। बड़े भाई को घर से निकाल दिया है। अब उसकी बहनें बड़े भाई की ज़मीन मांग रही थीं। ये दो साल से चल रहा था। उसके घर में सब अनपढ़ हैं और सिर्फ रेखा सनातक की पढ़ाई कर रही थी। उसे डर था कि कहीं पिता को बहला-फुसला के वसीयत न करवा ले। उसने अपने साले के साथ मिलकर बहन की हत्या करवाई। पांचो आरोपियों को गिरफतार कर लिया है। उन पर हत्या और हत्या की साजिश की धारा लगी है।’
संपत्ति को लेकर हत्या
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