संजीता चानू ने कॉमनवेल्थ खेलों में भारत के लिए दूसरा स्वर्ण पदक जीत लिया है। ऑस्ट्रेलियाई शहर में संजीता ने 53 किलोग्राम भारवर्ग में सोने का तमगा जीता।
मणिपुर की 24 वर्षीय इस खिलाड़ी ने स्नैच में 84 किलो और इसके बाद इसके बाद क्लीन ऐंड जर्क में 108 किलोग्राम भार उठाया। इस हिसाब से उन्होंने कुल दो प्रयासों में 192 किलोग्राम वजन उठाया।
संजीता इस गोल्ड पोस्ट में भारत के लिए पदक की अहम दावेदार थीं। उन्होंने चार साल पहले ग्लास्गो में 48 किलोग्राम भारवर्ग में भी गोल्ड हासिल किया था। इस बार वह 53 किलोग्राम भारवर्ग का हिस्सा थीं। संजीता ने उम्मीदों को कायम रखा और इस बार भी गोल्ड मेडल अपनी झोली में डाला।
संजीता को वेटलिफ्टिंग के लिए दिग्गज वेटलिफ्टर एन कुंजरानी देवी ने प्रेरित किया था। 2009 में सीनियर नैशनल में गोल्ड जीतने के बाद वह लोगों की नजर में आईं। 2011 में एशियन वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता।
2012 में उन्होंने कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप्स में गोल्ड मेडल जीता। 2014 के ग्लास्गो कॉमनवेल्थ में उन्होंने सिर्फ 20 साल की उम्र में गोल्ड मेडल हासिल किया था। इन खेलों में मीराबाई ने सिल्वर मेडल हासिल किया था।
Gunning for KL to go harder-faster-stronger-BIGGER, then click here and contribute!