लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों का संकट अभी खत्म होते नहीं दिख रहा है। प्रदेश सरकार ने गन्ने का दाम 280 रुपए प्रति कुंटल तय कर दिया था, जबकि मिल मालिक 225 रुपए प्रति कुंटल से ज्यादा दाम गन्ना किसानों को देने के लिए तैयार नहीं हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा दिए आदेश के अनुसार मिल मालिकों को 25 नवंबर से गन्ने की पेराई शुरू करनी थी। लेकिन मिल मालिकों ने सरकार के इस आदेश को ये कहते हुए मानने से मना कर दिया कि एक किलो चीनी बनाने में 36 रुपए की लागत आती है, जबकि बाज़ार में कीमत 29 से 30 रुपए ही है। इंडियन चीनी मिल संगठन के डी जी अविनाश वर्मा के अनुसार ऐसी स्थिति में मिलें किसानों को 225 रुपए प्रति कुंटल से ज़्यादा कैसे दे सकती हैं ?
उधर गन्ने की पेराई में देर होने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चीनी मिल मालिकों के साथ दो बार बैठक कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। नई फसलों में देरी होने से किसान परेशान हैं।
मुज़फ्फरनगर में 3 चीनी मिलें धामपुर शुगर, डीएमसी श्रीराम और त्रिवेणी इंजीनियरिंग में समय से गन्ना पेराई शुरू न करने के कारण इनके खिलाफ एफआईआर की गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वो इस मामले का हल जल्दी निकाले। इस मामले पर अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होनी है।
संकट में गन्ना किसान
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