लखनऊ। 22 सितंबर को हम उत्तर प्रदेश सरकार की 1090 विमेन पावर लाइन के बुलावे पर उनके दफ्तर पहुंचे। दरअसल खबर लहरिया की पत्रकारों को एक व्यक्ति द्वारा मोबाइल से परेशान करने का मामला जब चर्चा में आया हेल्पलाइन पर भी सवाल खड़े हुए। पत्रकारों ने इस हेल्पलाइन का इस्तेमाल भी किया था। मगर इससे उन्हें कोई मदद नहीं मिली थी। मगर जब इस बात की चर्चा मीडिया में हुई। मुख्यमंत्री के दफ्तर तक यह खबर पहुंची तो हेल्पलाइन के दफ्तर से हमें फोन आया। हमसे बेहद विनम्रता से कहा कि ’इस हेल्पलाइन के इस्तेमाल की जानकारी हम आप लोगों को देना चाहते हैं। आगे कहा कि आप लोगों ने इस नंबर का प्रयोग किया था मगर शायद कुछ स्पष्ट नहीं था।’ हम उनके बुलावे को मंजूर कर के साथ दफ्तर पहुंचे। हम जब दफ्तर पहुंचे तो वहां पर 1090 के इंस्पेक्टर जनरल नवनीत सिकेरा ने दावा किया कि 2012 से लेकर जुलाई 2015 तक उन्होंने तीन लाख अठासी हजार छह सौ अट्ठावन मामलों को सुलझाया है।
1090 की एस.पी. बबीता सिंह ने बताया कि आज भी सबसे ज्यादा मामले फोन से परेषान करने वालों के ही आते हैं जिसमें सबसे पहला नम्बर लखनऊ का है। बबीता सिंह के अनुसार सबसे बड़ी चुनौती सिमीत संसाधन और स्टाफ, दोनों की कमी है। अभी सिर्फ छियानवे कांस्टेबल हैं।’ लाखों की संख्या में आने वाली शहरी और ग्रामीण इलाकों की शिकायतों को इतने कम लोग कैसे सुलझा सकते हैं? यह पूछने पर 1090 के आई जी नवनीत सिकेरा ने कहा कि एक हफ्ते के अंदर बीस कम्प्यूटर लग जाएंगे, कुल पचास कम्प्यूटर लगेंगे। कम्प्यूटर लगने के साथ नई नियुक्तियां होंगी। इस साल 1090 के लिए बाइस करोड़ रूपए का बजट आया है।
यहां भी नाकामयाब हेल्पलाइन
एक महीने पहले एक आदमी फोन में मुझे परेशान कर रहा था। मना करने पर भी वो फोन करता, गाली बकने लगता। हमने तीन बार 1090 को फोन किया लेकिन हर बार नंबर व्यस्त था। आखिर उधर से आवाज आई कि रात दस बजे बाद सम्पर्क करें। रात को जब फोन किया तो फिर व्यस्त था।
महोबा जिले के कबरई ब्लॉक की सरोज
मेरी एक सहेली को छह महीने पहले कोई लड़का फोन में परेशान कर रहा था। हमने 1090 में फोन किया लेकिन नंबर व्यस्त था। दो -तीन बार कोशिश की लेकिन किसी से बात नहीं हो सकी। आखिर हमने परेशान करने वाले लड़के से अपने ढंग से निपटा।
फैजाबाद के भीटी ब्लॉक की सरिता