जिला बांदा, ब्लाक नरैनी, ग्राम पंचायत बरकोला, मजरा शहबाजपुर। हेंया के प्रधान पद प्रत्याशी शीलू निषाद के चुनाव मैदान मा उतरैं के शुरूवात धमाके दार रही। भले ही वहिका हार का मुंह देखैं का परा होय, पै राजनिति मा अनुभव खातिर यतना काफी है। खबर लहरिया पत्रकार वहिसे चुनाव लड़ै के अनुभव का कुछ इनतान पूंछतांछ करिन।
पत्रकार-चुनाव लड़ै का अनुभव कसत रहा।
शीलू-गांव मा सबके दुवारे वोट मांगेंव। जीतैं के बाद विकास करैं का वादा कीनंव। अकेले दम रात दिन प्रचार मा लगी रहेंव। चुनाव लड़ै से राजनीति का अनुभव मिलत है। हार जीत तौ बनी ही रहत है।
पत्रकार-का तुम 2017 मा विधान सभा के चुनाव लडि़हौ।
शीलू-हां मैं विधानसभा का चुनाव लडि़हौं। क्षेत्र के जनता मोरे साथ है। वहिके तैयारी नये साल 2016 से शुरू कई देहूं।
पत्रकार-कउन पार्टी से चुनाव लडि़हौ।
शीलू –अबै सबै पार्टी टिकट दें का तैयार हैं। मै कउनौ एक नहीं सब लोगन के साथ हौं। निर्विरोध भी लड़ सकत हौं।
पत्रकार –या दरकी सरकारी आकड़ा मा 44 प्रतिशत औरतैं चुनाव जीती हैं। यहिमा तुम्हार का राय है।
शीलू-चुनाव के आकड़ा सही होइहैं, पै इनतान के औरतन का जीत मिलैं से कउन फायदा जेहिके पीछे पुरूष के सत्ता कायम होय।
पत्रकार-पुरूषोत्तम नरेश जेल से बाहर है। का आप का खतरा महसूस होत है।
शीलू-वहिके घर से जिला पंचायत चुनाव मा जीत मिली है। वहिके परिवार से मोहिका चुनाव बाद देख लें के धमकी दीन गे है। मै चुप न बइठिहौं।
पत्रकार-चुनाव हार का कारन का होई सकत है।
शीलू-चुनाव हार का कारन हम जैंसे गरीब के पानी बहावैं जइसे का रूपिया निहाय। बाप के खेती किसानी सब्जी बेचैं का रूपिया मतदान के मांग पूर नहीं कई पाइस। अगर दस लाख रूपिया बांट देतिव तौ प्रधान बन जातिंव।
शीलू के राजनीति मा आवैं के शुरूवात प्रधान के चुनाव से
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