मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के असंगठित श्रमिकों को बड़ा तौफा देते हुए, बिजली बिल माफ़ी और 200 रुपए महीने की बिजली देने का फैसला किया है। लेकिन इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि श्रमिकों के बिजली माफ़ करने से सामान्य उपभोक्ताओं पर भार पड़ेगा।
बिजली के बिल माफ़ करने पर 5200 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ आएगा। जिसमें राज्य सरकार सब्सिडी के रूप में केवल 1800 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति करेगी। बिजली वितरण कंपनियों को शेष 3400 करोड़ रुपये खुद जुटाना है। इस राशि में लगभग 1600 करोड़ रुपये के अधिभार शामिल हैं और 1800 करोड़ रुपये तीन बिजली वितरण कंपनियों द्वारा पैदा किए जाएंगे।
केंद्रीय क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी वर्तमान में 1200 करोड़ रुपये की हानि में है जबकि पूर्वी क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी को 1000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार, बिजली वितरण कंपनियों को पैसा, चुनाव के बाद दिया जाएगा। वित्त विभाग ने इन कंपनियों से ऋण के माध्यम से धन की व्यवस्था करने के लिए कहा है। बिजली वितरण कंपनियों ने बैंकों से नकद क्रेडिट के रूप में करीब 2500 करोड़ रुपये ले लिए हैं।