लखनऊ। शहर के नामी कार्यकर्ता संदीप पाण्डे 10 जुलाई से अनशन पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा के अधिकार कानून को पूरी तरह से फौरन लागू किया जाए।
‘षिक्षा के अधिकार कानून के तहत हर निजी विद्यालय में पच्चीस प्रतिषत सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित होनी चाहिए। इस साल पूरे उत्तर प्रदेष में मात्र सत्ताइस सौ बच्चों का नामांकन हुआ है जबकि आकड़ों के हिसाब से छह लाख गरीब बच्चों का नामांकन होना चाहिए,’ डाॅक्टर पाण्डे ने बताया।
उन्होंने कहा कि शहर के सबसे बड़े स्कूलों में से एक – सिटी मांटेसरी स्कूल में जब 6 अप्रैल को उनकी संस्था इकत्तीस बच्चों का नामांकन कराने पहुंची तो वहां के प्रबंधक जगदीष गांधी ने कहा कि स्कूल की किसी शाखा में जगह ही नहीं है।
‘जिस स्कूल में अधिकारियों के बच्चों के लिए चालीस प्रतिशत फीस माफ की जाती है, वहां गरीब बच्चों के लिए जगह ही नहीं है? बड़े स्कूलों को लगता है कि गरीब बच्चों का दाखिला करने से पढ़ाई का स्तर गिरेगा पर उन्हें एडमिशन ना देना कानून के खिलाफ है। हमने कोर्ट से इसकी जांच की मांग की है। 15 जुलाई को कोर्ट ने मांग स्वीकार ली है।