शादियों में डांस का होना आम बात है लेकिन झाँसी और महोबा की शादियों में डांस जरा खास होते हैं। डीजे और गाजे बाजे के साथ शादियों में बारात का निकलना और गाँव भर में शादी की ख़ुशी मानना लगभग हर गाँव में एक परम्परा है लेकिन बुंदेलखंड के कुछ गांवों में एक अनोखी परम्परा चली आ रही है।
यहाँ की शादियाँ लौंडा डांस के बिना अधूरी होती हैं। जी हाँ, लौंडा डांस। जब लड़का, लड़की की तरह मेकअप और कपड़े पहन कर डांस करने लगता है तब उसे लौंडा डांस कहा जाता है। कहीं कहीं इसे नचनिया भी कहते हैं।
हालाँकि हमारे पिछड़ी सोच वाले समाज में ऐसा पेशा चुनना बहुत हिम्मत का काम है।
महोबा के डांसर, पवन इस बारे में बताते हैं कि पिछले चार सालों से हम ये डांस कर रहे हैं। मुझे ये डांस अच्छा लगता था इसलिए मैंने भी इसमें आने का सोचा। पहले लड़कियों की तरह कपड़े पहनने में शर्म आती थी लेकिन अब नहीं आती। अब तो आदत हो गई है। शुरुआत में हम सादा कपड़ों में ही नाच लिया करते थे। पवन ये काम अब छोड़ना चाहते हैं। उनका कहना था कि उम्र बढ़ गई है तो अब ये नाच हम पर अच्छा नही लगता है। दरअसल, पवन प्रेम को जीना चाहते हैं अब इसलिए यह डांस छोड़ कर अपना घर बसाना चाहते हैं।
झाँसी के छोटे डांसर राहुल ने पहली बार इस तरह का डांस किया था। ये उनके लिए नया नहीं था लेकिन इस डांस को जीया पहली बार था।
वहीँ, झाँसी के आज़ाद अपने पिता के चलते इस पेशे में आये। उनका कहना था कि हम पिता की तरह ही ये पेशा अपनाना चाहते हैं। बचपन से देखते आ रहे हैं और हमें यह डांस पसंद है।
रिपोर्टर: सफीना और श्यामकली
Uploaded on May 15, 2018