जिला चित्रकूट, ब्लाक पहाड़ी शकरकंद तौ सब कोउ खावा होइ कउनौ हलुवा बना के तौ कउनौ उबाल के शकरकंद खावा होइ। पै शकरकंद के खेती कसत कीन जात हवै आओ यहिके बार मा जानी। काहे से जुलाई के महीना शुरू होतेन शकरकंद के खेती का काम शुरू होइ जात हवै।जिला चित्रकूट, ब्लाक पहाड़ी शकरकंद तौ सब कोउ खावा होइ कउनौ हलुवा बना के तौ कउनौ उबाल के शकरकंद खावा होइ। पै शकरकंद के खेती कसत कीन जात हवै आओ यहिके बार मा जानी। काहे से जुलाई के महीना शुरू होतेन शकरकंद के खेती का काम शुरू होइ जात हवै। भूरी शिवम सिंह अउर कल्लू प्रसाद बताइन कि बेड़ काट के एक-एक बीत्ता के दूरी मा लगावा जात हवै फेर निराई गुड़ाई कीन जात हवै। 100 रुपिया गड्डा के हिसाब से बेड़ खारीदा हवै पहिले खेत मा तीन बोरी खाद अउर दुइ टाली खदही डाली जात हवै फेर पानी भरा जात हवै वहिके बाद बेड लगाई जात हवै जबै बेड़ मा कीड़ा लागत हवै तौ कीड़ा मारे का पाउडर डाला जात हवै। बेड़ सूखे मा फेर से पानी लगावा जात हवै। अन्ना जानवर ताके खातिर रात के पहरा दे का पड़त हवै। दूसर फसल ये या फसल मा ज्यादा फायदा हवै एक हजार कुन्तल के हिसाब से बिकत हवै तौ 10-15 हजार का फायदा होइ जात हवै।
रिपोर्टर- सहोद्रा
Published on Jul 25, 2017