महोबा जिला में ई समय चारो केती समाजवादी पेंशन के मारामरी मची हे। जघा-जघा पेंशन की ही चर्चा होत हे। हर तहसील दिवस ओर विभाग में ओरते जाम या दरखास देत हे। 2 फरवरी खा आये मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ओरतन खा पासबुक ओर परिचय पत्र देके के उद्दघाटन करो हे। ई कार्यक्रम के बाद ओर भी लोग भड़के हे। काय से गिनी चुनी ओरतन खा ही पासबुक मिली हे। ओरतन को आरोप हे कि जोन ऊखी पार्टी जा नेता नगरी से जुड़े हे ओई खे नाम के परिचय पत्र दये हे। कोनऊ नियम से काम नई होत हे। जीखे सर्विस ओर गाड़ी हे ओई खा पेंशन भी मिली हे। का इत्ते ही फारम पोहचे हे। सरकार खुदई गरीबन के साथे दोगलो काम करत हे। नाम गरीबन खा योजना भेजत हे पे ऊ लाभ बड़े ओर रूपइया वाली पार्टी खा मिलत हे। प्रधान, लेखपाल ओर सचिव के कारन कछू गरीब ओरते सुविधा से वंचित रह गई हे। जीसे एते ओते भटकत हे।
सवाल जा उठत हे कि सर्वे करी वाली टीम एक जघा बेठ के आपन साठ-गाठ बना के आदमियन खा सुविधा के लाने चयन करो जात हे, जीसे सचमुच में पात्र आदमी छूट जात हे। दर-दर योजना के लाभ के लाने भटकत रहत हे। आखिर जा समस्या कभे तक रेहे। सरकार खा ई बात के लाने गम्भीरता से सोचे खा चाही? कोनऊ भी योजना खा भेजे से पेहले अधिकरियन खा नियम के बारे मे बता देय खा चाही जीसे आदमी परेशान हो। सार्वजनिक सर्वे करे खा चाही जीसे लाभ ज्यादा आदमियन खा मिल सके।
व्यवस्था की जिम्मेंदारी कीखी आय?
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