काराकस, वेनेजुएला। दुनिया के एक देश वेनेजुएला देश में समाजवादी नेता निकोलस माडुरो राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए। चुनाव 14 अप्रैल को हुए। माडुरो के मुकाबले में वहां नेता कैपरिकल्स थे। जिन्हें पूंजीपतियों का समर्थक माना जाता है। 5 अप्रैल को यहां के पूर्व राष्ट्रपति ह्यूगो चावेज की कैंसर से मौत हो गई थी।
वेनेजुएला – दुनिया के तेल भंडारों वाले देश में इसका पांचवां नंबर है। यही वजह की भारत, अमेरिका और ईराक समेत अन्य देशों के लिए इसका महत्व है। अमेरिका और ईराक हमेशा से यहां कब्जा करने की कोषिष करते रहे हैं।
ह्यूगो चावेज – पिछले 14 सालों से यहां पर समाजवादी नेता ह्यूगो चावेज का शासन था। चावेज ने 1992 में सेना के शासन के खिलाफ जंग छेड़ी थी। सरकारी खर्चे बढ़ते जा रहे थे, लेकिन जनता के खर्चों में कटौती की जा रही थी। इसलिए जनता भी सरकार के विरोध में थी। 1998 में चावेज राष्ट्रपति बनें। चावेज ने शिक्षा और विकास पर काफी ध्यान दिया।
निकोलस माडुरो – पचास साल के निकोलस माडुरो चावेज की तरह ही पूंजीपतियों के विरोधी रहे हैं। राजनीति में आने से पहले माडुरो बस ड्राईवर थे। जीतने के फौरन बाद माडुरो ने कहा कि चावेज द्वारा शुरू हुआ विकास जारी रहेगा।
वेनेजुएला में जनता ने चुना अपना नेता
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