20 साल की सीमा अज़ीमी काबुल की बर्फीली चोटियों में अपने साथियों के साथ वुशु का अभ्यास कर रही हैं। ये लड़कियां तलवारों के साथ चीन की पुरानी युद्व शैली मार्शल आर्टस वुशु करती हैं। सीमा शाओलिन वुशु नाम का एक क्लब चलाती हैं, जो अफगानी लड़कियों को वुशु सीखता है।
ईरान से वुशु सीखी सीमा कई प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुकी हैं। वह कहती हैं, “मैं इच्छा हैं कि मेरे विद्यार्थी अंतरराष्ट्रीय मैचों में देश के लिए मेडल जीते।”
अफ़गानिस्तान में मार्शल आर्ट्स काफी लोकप्रिय है लेकिन महिलाओं को खेलों से दूर रखा जाता है। सीमा को काबुल में कई तरह की धमकियां और परेशानियों से रोज दो-चार होना पड़ता है।
शकीला मुरादी जो वुशु सीख रही हैं, कहती हैं, हमें लोग परेशान करते हैं। पर हम उन लोगों पर ध्यान नहीं देते हैं।
सीमा अपने पिता के जिम में ट्रेनिंग करती हैं। सीमा के पिता को उनपर गर्व है और उनके पिता खुश हैं कि उन्हें अपनी बेटी को हमेशा सहारा दिया।
वुशु सीखती 20 साल की सीमा अजीमी
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