उत्तर-प्रदेश के हर जिला मा सरकार राजीव गांधी विद्युत योजना के तहत घरे-घरे बिजली पहुचावै कै बात करे बाय। अउर यकर काम पूरे प्रदेश मा चलत बाय। तार लागत बाय। खम्भा गड़त बाय। ट्रासफार्मर लागत बाय। घरे-घरे विद्युत मीटर भी लागी गै लकिन अबहीं तक कउनौ काम पूरा नाय भै बाय। आखिर यकर जिम्मेदारी केकर होय?
जइसै कि अम्बेडकरनगर अउर फैजाबाद जिला मा बाय अलग-अलग काम कै अलग-अलग ठेकेदार हईन। कहू खम्भा खाली लाग बाय तौ कहू तार खीच के छोड़ दिया गै बाय। कहू-कहू तौ ट्रासफार्मर लाग बाय तौ कहू जमीन पै धरा जंग खात बाय। बिजली विभाग कै कर्मचारी गांव मा बिना बिजली तार लागे कनेक्सन कइ दिहिन। जइसै कटेहरी ब्लाक के आतमपुर गांव भै बाय। खम्भा जवन गड़ा बाय वहू टूट-टूट कै गिर जात बाय। यका केहू देखै तक नाय आवत हईन। यही हाल कोटवा करदासपुर कै बाय। हिंआ जवन विद्युत मीटर लाग रहा वहू वापस उठाए लई गईन। यह सबकै जिम्मेदारी केकर बाय केतना दिन मा यह योजना कै काम पूरा होय यकर कउनौ पता नाय बाय। जवने ही गांव मा विद्युतीकरण होत बाय वही आधी अधूरी काम बाय। विद्युत कार्पोरेशन अउर ठेकेदार सब अपने मनमानी ढंग से करत हईन यकर केहू ध्यान नाय देत हईन आखिर काहे यह काम मा यतना समय लागत बाय। लगभग दुई साल होई गै राजीव गांधी विद्युत योजना विद्युतीकरण शुरू भै। कउनौ गांव मा अबहीं तक बहान नाय भै। देखावटी मा सब काम भै बाय।